कानपुर, अमन यात्रा: ब्लैक फंगस का कहर अब थमने लगा है। एलएलआर अस्पताल (हैलट) में शनिवार को ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस के लक्षण का एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। वहीं ब्लैक फंगस की वजह से एक मरीज की आंख सड़ गई थी, उसका संक्रमण ब्रेन में जाने की खतरा था। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष ने शनिवार को सर्जरी कर उसकी आंख निकाली। अब वह पूरी तरह से ठीक है। इस समय अस्पताल में 41 मरीज भर्ती हैं।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि 45 वर्षीय ब्लैक फंगस पीडि़त अस्पताल में भर्ती हुआ था। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान ने आपरेशन की तैयारी की थी। जांच में कोरोना संक्रमित निकलने पर मरीज को न्यूरो साइंस सेंटर में भर्ती करना पड़ा था। उसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे ब्लैक फंगस वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। उसकी दो बार सर्जरी की तैयारी की गई, लेकिन स्थिति खराब होने पर टालनी पड़ गई। उसे कार्डियक से जुड़ी समस्या हो गई थी। शनिवार को फिटनेस मिलने पर आंख निकाली गई। आंख पूरी तरह से सड़ गई थी। अच्छाई यह रही कि म्यूकर माइकोसिस का संक्रमण ब्रेन तक नहीं पहुंचा था।

दो मरीज डिस्चार्ज : एलएलआर अस्पताल से ब्लैक फंगस के दो मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। एक महिला दोनों आंखों में दिक्कत के साथ भर्ती हुई है। उनकी आंख में आराम है, उनकी बायोप्सी जांच के लिए भेजी है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।