कानपुर, अमन यात्रा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई ने 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दीं। सीबीएसई के इस फैसले को देखते हुए अब यूपी बोर्ड के शिक्षकों का कहना है, कि छात्र, शिक्षक व कर्मियों के हितों को देखते हुए यूपी बोर्ड भी परीक्षाएं रद्द कर दे। जिस तरह सीबीएसई ने परीक्षार्थियों को पास करने की बात कही है, उसी तर्ज पर यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों को भी पास किया जाए। दरअसल, सीबीएसई में जिले में जहां परीक्षार्थियों की औसतन संख्या 10 हजार रहती है, वहीं यूपी बोर्ड में यह आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंचता है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना था, कि अभी बोर्ड के पास नतीजा लेने का पर्याप्त समय है, क्योंकि परीक्षाएं आठ मई से शुरू होनी हैं। मौजूदा स्थितियों को देखते हुए बोर्ड के अफसरों को छात्रहित में फैसला करना चाहिए।

एक लाख पांच हजार से अधिक परीक्षार्थी होंगे शामिल : जिले में यूपी बोर्ड परीक्षा 2021 में 10वीं व 12वीं को मिलाकर एक लाख पांच हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें 10वीं व 12वीं के परीक्षार्थियों की औसतन संख्या (अलग-अलग) 50 हजार से अधिक है

इनका ये है कहना

  • संगठन, उपमुख्यमंत्री से यह मांग करेगा, कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द होनी चाहिए और सीबीएसई की तर्ज पर छात्रों को पास करने का फैसला लिया जाना चाहिए।                                            हेमराज सिंह गौर, प्रदेशीय मंत्री, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट
  • बोर्ड सचिव से संगठन के पदाधिकारी सोमवार को इस बाबत वार्ता करेंगे। पिछले साल कई शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए थे। वही स्थिति फिर न बने, इसके लिए जरूरी है कि परीक्षाएं रद्द हों।                                     शैलेंद्र द्विवेदी, प्रदेश संयोजक, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट