कानपुर देहात। प्रदेश के 1398 परिषदीय शिक्षकों का अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण किया गया है। इन शिक्षकों का अंतर्जनपदीय म्युचुअल ट्रांसफर उसी स्कूल में होगा, जहां के शिक्षक के साथ उन्होंने जोड़ा बनाया था। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी ने बुधवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही अर्ह शिक्षकों की लिस्ट भी जारी कर दी गई। बेसिक शिक्षकों के म्युचुअल तबादलों की प्रक्रिया पिछले डेढ़ साल से अटकी थी हालांकि तबादलों के लिए जोड़े बनाने की प्रक्रिया पिछले साल अक्टूबर में ही पूरी हो गई थी। उसके बाद ट्रांसफर को लेकर मामला कोर्ट में होने की वजह से प्रक्रिया टाल दी गई थी। उसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। अब सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लिस्ट जारी कर दी गई है। सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि वे 22 जून तक सभी अर्ह शिक्षकों को रिलीव करके नए स्कूल में तैनाती दे दें। आदेश में कहा गया है कि रिलीविंग और जॉइनिंग एक साथ ही की जाएगी। सीधे उसी स्कूल में तैनाती की जाएगी जहां के लिए
जोड़ा बनाया था।
शिक्षक खुश नहीं-
इतने लंबे समय के बाद तबादले होने के बावजूद शिक्षक इस प्रक्रिया से नाराज हैं। उनका कहना है कि अंतर्जनपदीय तबादलों में तैनाती जिले में की जाती है। उसके बाद बीएसए मेरिट के आधार पर स्कूल आवंटित करते हैं। इससे पहले यही प्रक्रिया अपनाई गई है। इन तबादलों में भी पहले जो आदेश जारी किया गया था उसमें भी यही नियम था कि जिले में तैनाती दी जाएगी। उसके बाद स्कूल आवंटित होंगे। शिक्षकों का कहना है कि कोई भी नियम जो प्रक्रिया शुरू होने से पहले बनाया जाता है वही लागू होता है। बीच में नियम नहीं बदला जाता। वैसे भी जिले के अंदर स्कूल आवंटन का अधिकार बीएसए का होता है वहीं नियुक्ति अधिकारी होता है। इस बारे में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि म्युचुअल ट्रांसफर का मतलब ही यह होता है कि दो शिक्षकों की आपसी सहमति से तबादला हो रहा है। उनके स्कूल आपस में ही बदले जाएंगे।
वरिष्ठता प्रभावित होने के मामले पर वह कहते हैं कि यह तबादले सरकार नहीं कर रही शिक्षकों की इच्छा पर किए जा रहे हैं। सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्थानान्तरित शिक्षक एवं शिक्षिका को कार्यमुक्त/कार्यभार ग्रहण कराने की कार्यवाही 22 जून तक की जाएगी। साथ ही अभिलेखों का परीक्षण करते हुए स्थानान्तरित शिक्षकों को अनिवार्य रूप से एक साथ कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण कराया जाए। यदि स्थानान्तरित जिले में उस बैच के अध्यापकों की पदोन्नति नहीं की गई है तो ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। स्थानान्तरित अध्यापकों को मानव सम्पदा पोर्टल पर साथ-साथ कार्यमुक्त करने एवं कार्यभार ग्रहण कराने की कार्यवाही की जाएगी।
क्या होता है पारस्परिक स्थानांतरण-
पारस्परिक स्थानांतरण को म्युचुअल ट्रांसफर भी कहते हैं। पारस्परिक स्थानांतरण में 2 शिक्षक अपने स्थान को परस्पर बदल लेते हैं। कहने का अर्थ यह है कि पहला शिक्षक दूसरे शिक्षक का स्थान ले लेते हैं जबकि दूसरे शिक्षक पहले शिक्षक के स्थान पर आ जाते हैं। इस प्रकार पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया संपन्न होती है।
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