कानपुर, अमन यात्रा। आपकी सुरक्षा, हमारा संकल्प… स्लोगन पर काम करने वाली यूपी पुलिस के एक सिपाही ने मिसाल पेश की है। कानपुर के सिपाही ने जान की बाजी लगाकर एक मासूम की जान बचाई तो लोग भी तारीफ करने से नहीं चूके। सिपाही की इस बहादुरी पर डीजीपी ने भी प्रशंसा की है और एडीजी व डीआईजी से उसे सम्मानित करने को कहा है। सिपाही के साहस की अब महकमे में भी खासा चर्चा हो रही है।

बिल्हौर के एक गांव में रहने वाली नौ वर्षीय मासूम बच्ची रविवार को लापता हो गई थी। दो दिन तक उसका कोई पता नहीं चला और पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी। स्वजन की सूचना पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली थी। सोमवार को डॉग स्क्वायड बुलाकर गांव में तालश कराई गई थी और मंगलवार की दोपहर सीओ की अगुवाई में पुलिस तलाश कर रही थी। इस बीच गांव के पास खंडहर हो चुके मकान में पुलिस तलाश कर रही थी। यहां पर एक जर्जर कुएं में दाराेगा ने कंकड़ डाला तो किसी के कराहने की आवाज आई। मासूम के अंदर होने की जानकारी के बाद अब सबसे बड़ी समस्या थी कि उसे जल्द से जल्द जीवित बाहर निकाला कैसे जाए। फायर ब्रिगेड के आने तक कुछ भी अनहोनी हो सकती थी।

तीस फीट गहरे कुएं में पानी नहीं था लेकिन झाड़ियां देखकर उसमें उतरने के लिए किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी। ऐसे में बिल्हौर थाने में तैनात आरक्षी कमल कांत ने हिम्मत दिखाई और बिना देर किए तुरंत वह कुएं में उतर गए। रस्सी के सहारे मासूम को कुछ देर में कमलकांत कुएं से बाहर निकाल लाए। इसके बाद उसे उपचार के लिए अस्पताल ले भेजा गया। कमलकांत के साहस की जानकारी होने पर उत्तरप्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रशंसा की और एडीजी भानु भास्कर और डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को निर्देश दिया कि आरक्षी को सम्मानित करें। ताकि, अन्य पुलिसकर्मी भी उससे प्रेरित होकर मित्र पुलिस के ध्येय वाक्य को पूरा करने को तत्पर रहें।