कानपुर,अमन यात्रा । उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने कानपुर मेट्रो स्टेशन को कुछ अलग दिखाने की ठानी है। एक ओर जहां तेजी से काम पूरा करते हुए नवंबर से ट्रॉयल रन की डेडलाइन तय कर दी है तो दूसरी ओर सैलानियों के लिए भी शहर की खसियत से रूबरू कराने की तैयारी है। शहरवासियों को मेट्रो से जोड़ने के लिए भी पूरे जतन किए जा रहे हैं। सभी मेट्रो स्टेशनों पर यहां के बाशिंदों का अपनापन का एहसास कराने के लिए उद्योग नगरी की झलक भी नजर आएगी और फाइन आर्ट के माध्यम से इतिहास से रूबरू कराया जाएगा।

बिटिश काल से ही कानपुर देश का बड़ा औद्योगिक केंद्र रहा है। यहां रिवर साइड पावर स्टेशन, पनकी पावर स्टेशन, एल्गिन मिल, स्वदेशी काटल मिल, विक्टोरिया मिल, लाइल इमली, आर्डिनेशन फैक्ट्रियां रहीं हैं। इसके अलावा छोटे-बड़े कल कारखाने रहे हैं। इसके अलावा धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र भी है। यह शहर जीवनदायनी गंगा के तट पर बसा है। धार्मिक नगरी बिठूर भी यहां की महत्ता बढ़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए यूपीएमआरसी आइआइटी से लेकर मोतीझील तक बन रहे नौ स्टेशनों में इन जगहों की पेंटिंग बनवाएगा।

सीएसजेएमयू से लेंगे मदद

यूपीएमआरसी इसके लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग के छात्र-छात्राओं से मदद लेगा। फाइन आर्ट के जरिए उसकी झलक दिखाई जाएगी। इससे बाहर से शहर आने वाले यहां के समृद्ध इतिहास से रूबरू होंगे।

  • कानपुर प्रदेश का बड़ा शहर है। ब्रिटिशकाल से औद्योगिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। धर्म एवं संस्कृति में भी समृद्ध है। इसलिए मेट्रो स्टेशनों पर इसकी झलक दिखेगी, ताकि शहरियों को मेट्रो स्टेशन पर अपनेपन का एहसास हो सके। -कुमार केशव, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश रेल मेट्रो कॉरपोरेशन