वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिलने से पहले विवादास्पद कृषि कानूनों पर सामूहिक रूप से चर्चा करेंगे.
बीजेपी ने सोमवार को कहा था कि केंद्र की यूपीए सरकार में बतौर कृषि मंत्री पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था और उन्हें आगाह भी किया था कि तीनों सुधार नहीं करने पर केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी.
एनसीपी ने कहा था कि केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर पवार ने राज्यों के कृषि विपणन बोर्डों के साथ व्यापक सहमति बनाने की कोशिश की और कानून को लागू करने के लिए उनसे सुझाव मांगे.
बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग करते हुए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. आज किसानों ने भारत बंद किया है. इस बंद का कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी और समाजवादी पार्टी समेत करीब 15 दलों ने समर्थन किया है.
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