लखनऊ, अमन यात्रा । केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के सोमवार को भारत बंद का आह्वान का उत्तर प्रदेश में खास असर होने की संभावना नहीं है। उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की है जबकि व्यापारियों तथा उद्योग जगत ने इससे किनारा किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस विरोध की आड़ में किसी भी अवांछित प्रक्रिया से निपटने के लिए तैयार है।

उत्तर प्रदेश में किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद में शामिल होने की घोषणा की है। प्रदेश में सभी विपक्षी राजनैतिक दलों के किसानों के समर्थन में आने को लेकर सरकार ने भी सभी जगह पर सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार के जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इसकी वापसी की मांग को लेकर दस माह से आंदोलित हैं। किसानों ने इसके विरोध में सोमवार को भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद के शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन है। इसके साथ ही बसपा केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करती है। समाजवादी पार्टी ने कृषि कानून के विरोध में सोमवार को घोषित भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है। सपा ने भी केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है