देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों ने सरकार से तोप का लाइसेंस मांगा था लेकिन सरकार ने कुछ संगठनों को विश्वास में लेकर उन्हें बंदूक का लाइसेंस दे दिया है। यानि कि मांग थी डिजिटल हाजरी को वापस लेने की और कर दी गई अग्रिम आदेशों तक स्थगित और संशोधित आदेश के बाद पुनः की जाएगी लागू।
उत्तर प्रदेश के लगभग 6 लाख बेसिक शिक्षकों की एकजुटता व आंदोलन की गूंज और मीडिया के द्वारा उठायी गई आवाज आखिर सरकार के कानों तक पहुंची। मुख्यमंत्री के दखल पर शिक्षा मंत्री, राज्य के मुख्य सचिव ने पीड़ित अध्यापकों के दर्द की कहानी सुनी, उन्हें धरातल की जानकारी दी गई, व्यवहारिक दिक्कतें बतायी गई, सभी समस्याओं को मुख्य सचिव मनोज सिंह ने ठीक माना। शिक्षक संगठनों के कुछ नेताओं के साथ हुई वार्ता के बाद डिजिटल हाजी को अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने, एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर सभी समस्याओं व मांगो पर विचार करने पर सहमति बनी जबकि संयुक्त मोर्चा के मुख्य नेताओं ने इस समझौते को मानने से इंकार करते हुए कहा कि उनकी मांग स्थगित नहीं बल्कि निरस्त करने की है।
जब तक वह पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इसी कड़ी में 29 जुलाई को डीजी का घेराव व धरना कार्यक्रम भी होगा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि कल उन्होंने अन्य संगठनों के नेताओं के साथ डीजी कंचन वर्मा से फिर शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से, मुख्यमंत्री से और आज मुख्य सचिव मनोज सिंह से बात की। वार्ता में दिनेश चंद्र शर्मा अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, संजय सिंह महामंत्री, राधे रमण त्रिपाठी वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, सुलोचना मौर्य अध्यक्ष महिला शिक्षक संघ, अपूर्व तिवारी जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ, राकेश प्रताप सिंह, सुशील पांडे अच्छा बाराबंकी, मनीष पांडेय, साधना सिंह, प्रीति सिंह, अरुणेंद्र बर्मा आदि शामिल रहे।
उनके अनुसार डिजिटल हाजरी को स्थगित किया गया और समिति गठित कर दो माह में समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा, मानदेय बढ़ोतरी, स्थानांतरण पर भी शासन शीघ्र निर्णय लेगा। शिक्षक नेता संजय सिंह ने हमें शिक्षकों की आवाज बताते हुए धन्यवाद दिया वहीं उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने तसल्ली के साथ बात सुनी। हमने आपकी खबरों के अनुसार सब कुछ बताया। उन्होंने भी सब कुछ समझा। संजय का कहना है कि अभी अग्रिम आदेशों तक डिजिटल हाजरी स्थगित की गई है। जरूरी नहीं कि यह आगे बढ़ाई जाए। अगर फिर लागू की जायेगी तो फिर आंदोलन होगा।
शिक्षक नेता सुलोचना मौर्या ने कहा कि वार्ता में धरातल से जुड़ी सभी व्यवहारिक समस्याओं को रखा गया। एक कमेटी बनाई जाएगी। उसकी सिफारिश से यदि शिक्षक संतुष्ट नहीं होते तो फिर से आंदोलन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमने मुख्य सचिव को स्पष्ट कह दिया है कि शिक्षक को शिक्षक ही रहने दिया जाए उसे बाबू न बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ शिक्षक नेताओं ने बैठक का बहिष्कार किया है। यदि हम बातों नही करेंगे तो समस्याओं का पता कैसे चलेगा। सुलोचना ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपने अपनी स्टोरी के माध्यम से जो किया है वह कोई अन्य नहीं कर सकता।
दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि डिजिटल हाजरी स्थगित करना व कमेटी बनाना शिक्षकों की जीत है। डॉ राकेश सिंह ने कहा कि डिजिटल हाजरी अग्रिम आदेश तक स्थगित हुई है। दो महीने बाद कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फिर से वार्ता होगी। उन्होंने कहा कि आपने इस आंदोलन में जो किया है जो बिंदु उठाये हैं उससे आप शिक्षकों के संरक्षक बन गए हैं। आपका अभिनंदन है। शामली के शिक्षक नेता नितिन पंवार कहते हैं कि मेरा मन आज बहुत दुःखी है।
पूरा शिक्षक समाज एक जुट है। हम तोप का लाइसेंस लेने के लिए आंदोलित थे और हमें बंदूक का लाइसेंस देकर टरका दिया। हमारे नेता भी सहमत हो गए हैं। उन्होंने इसे प्रदेश संगठन की कमजोर मानसिकता का प्रतीक बताया। फायर ब्रांड शिक्षक नेता योगेश त्यागी का कहना है कि हमने डीजी की बैठक का बहिष्कार किया था। वहीं मुख्य सचिव की वार्ता का भी बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि बैठक से पूर्व बातचीत की जानी चाहिए थी। हमारा आंदोलन डिजिटल हाजरी को निरस्त करने के लिए है। हम स्थगित के निर्णय को नहीं मानते हैं।
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