कविता

” घिरी घटा घनघोर रे… “

धरती एकटक अम्बर ताके, जैसे हुई चकोर रे। फिर बरखा रुत आई रे भइया, घिरी घटा घनघोर रे।।

धरती एकटक अम्बर ताके,
जैसे हुई चकोर रे।
फिर बरखा रुत आई रे भइया,
घिरी घटा घनघोर रे।।
चार मास गर्मिन मा झुलसे, हार-खेत-खलिहान।
बूँद-बूँद पानी को तरसे,
बालक-बूढ़े-ज्वान |
करिया आँधी रौंद गई,
सब पात-पौध-बिरवान।
घट-पनघट भए सूने-सूने,
पसु-पच्छी हलकान।
आगी बरसी भरी दुपहरी,
लपट चली बड़ी जोर रे।
फिर बरखा रुत आई रे भइया,
घिरी घटा घनघोर रे ।।
सायद हमारी बिनती पहुँची,
आसमान के पार।
इन्द्रदेव रीझे हैं अब तो,
सुनिके करुण पुकार।
कारे बादर नभ से बरसे,
नैनन बरसी धार।
अबकी उपजी धान खेत मा,
कर्जा देब उतार।
दुनिया भीगे; जियरा भीगे,
नाचत मन का मोर रे।।
फिर बरखा रुत आई रे भइया,
घिरी घटा घनघोर रे।।
चौमासा है त्योहारन का,
मौसम रंग-रंगीला।
सावन मा सिव-सम्भू का,
लगता दरबार सजीला।
भादों मा जन्मा था अपना,
कान्हा छैल-छबीला।
माह कुँवार रहो नौरात्रे,
देखो राम की लीला।
कातिक मास सजे घर-आँगन,
दीप जले चमकीला।
ब्रत-त्योहारन की आमद से,
हँसी-खुसी चहुँओर रे।।
फिर बरखा रुत आई रे भइया,
घिरी घटा घनघोर रे।।
रचनाकार
सन्त कुमार दीक्षित
Author: Pranshu Gupta

Pranshu Gupta

Recent Posts

सीबीएसएसी बोर्ड परीक्षा में कानपुर देहात के बीकेएसडी ग्लोबल स्कूल के छात्र रहे अब्बल,मेधावियों का किया गया सम्मान

पुखरायां।सोमवार को घोषित सीबीएससी बोर्ड परीक्षा परिणाम में कानपुर देहात के पुखरायां कस्बे के बीकेएसडी…

8 hours ago

रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाकर ग्रामीणों ने वोट डालने से किया इनकार

राहुल कुमार/झींझक : रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाकर ग्रामीणों ने वोट डालने…

11 hours ago

संविलियन विद्यालय में एडीजी आलोक सिंह ने किया बूथ का निरीक्षण

सतीश कुमार, रनियां,अमन यात्रा। नगर पंचायत रनियां व गांवों में मतदान को लेकर सुबह से उत्साह…

11 hours ago

देश की तरक्की और विकास के लिए युवाओं ने किया मतदान

रनियां। हाथ में आईडी कार्ड और वोटर पर्ची। उत्साह भी था और ललक भी वोटिंग करने…

11 hours ago

दिव्यांगों और बुजुर्गों ने भी दिखाया उत्साह  

रनियां। मतदान में दिव्यांग और बुजुर्ग महिला पुरुष भी पीछे नहीं रहे। इसी कारण पोलिंग…

11 hours ago

This website uses cookies.