कविता

भूली बिसरी प्रेम कहानी

फिर एक याद आई । भूली बिसरी वो प्रेम कहानी । नवजीवन की वह पहली सांस दिल में कई थी…

3 weeks ago

सर्द मौसम

आबरू शिशिर की, लूटने बरसात आ गई । कास्तकारों के मरने की, अब बात आ गई ।। बतलाती है विक्षोभ…

4 months ago

जय माँ कालरात्रि

  दुर्गा जी की सप्त शक्ति कहलाती माँ कालरात्रि रौद्र रूप लिए धूम्र वर्णा रखती चार भुजाएं माता उत्पत्ति का…

7 months ago

जय स्कंदमाता

केहरी वाहन हो आरोहित शुभ्र वर्ण से हो सुशोभित चार भुजाओं से विभूषित करें कमलासन पर विश्राम दो हाथों में…

7 months ago

जय ब्रह्मचारिणी माँ

श्वेत वस्त्र से अति शोभित तुम्हारा कन्या रूप निराला एक हाथ में लिए कमंडल माँ दूजे हाथ में तुम माला…

7 months ago

जय श्री गणेश

जय श्री गणेश मात-पिता ही तीनों लोक तुम्हारे वाहन तुम्हारे, नन्हे मूषक प्यारे चतुर्भुज हो तुम हो बुद्धि के दाता…

8 months ago

कविता के माध्यम से एक बच्चे ने नेताओं की कार्य प्रणाली पर कसा तंज

आओ बच्चों तुम्हे दिखायें शैतानी शैतान की। नेताओं से बहुत दुखी है जनता हिन्दुस्तान की।। बड़े-बड़े नेता शामिल हैं घोटालों…

8 months ago

चंद्रयान चंद्र सतह पर

देखो क्या क्या करता है अब खोज लेगा ये जानकारी सब चालीस दिवस दीर्घयात्रा कर पहुँचा चंद्रयान चंद्र सतह पर…

9 months ago

” घिरी घटा घनघोर रे… “

धरती एकटक अम्बर ताके, जैसे हुई चकोर रे। फिर बरखा रुत आई रे भइया, घिरी घटा घनघोर रे।। चार मास…

9 months ago

सुबह-सवेरा

  ताज़ी महकी हुई, चली हवा दिनकर भी फिर निकल पड़ा किरणों संग चिड़ियां चहकी पुष्प हँसे और धरती महकी…

9 months ago

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