कविता
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भूली बिसरी प्रेम कहानी
फिर एक याद आई । भूली बिसरी वो प्रेम कहानी । नवजीवन की वह पहली सांस दिल में कई थी…
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सर्द मौसम
आबरू शिशिर की, लूटने बरसात आ गई । कास्तकारों के मरने की, अब बात आ गई ।। बतलाती है विक्षोभ…
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जय माँ कालरात्रि
दुर्गा जी की सप्त शक्ति कहलाती माँ कालरात्रि रौद्र रूप लिए धूम्र वर्णा रखती चार भुजाएं माता उत्पत्ति का…
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जय स्कंदमाता
केहरी वाहन हो आरोहित शुभ्र वर्ण से हो सुशोभित चार भुजाओं से विभूषित करें कमलासन पर विश्राम दो हाथों में…
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जय ब्रह्मचारिणी माँ
श्वेत वस्त्र से अति शोभित तुम्हारा कन्या रूप निराला एक हाथ में लिए कमंडल माँ दूजे हाथ में तुम माला…
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जय श्री गणेश
जय श्री गणेश मात-पिता ही तीनों लोक तुम्हारे वाहन तुम्हारे, नन्हे मूषक प्यारे चतुर्भुज हो तुम हो बुद्धि के दाता…
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कविता के माध्यम से एक बच्चे ने नेताओं की कार्य प्रणाली पर कसा तंज
आओ बच्चों तुम्हे दिखायें शैतानी शैतान की। नेताओं से बहुत दुखी है जनता हिन्दुस्तान की।। बड़े-बड़े नेता शामिल हैं घोटालों…
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चंद्रयान चंद्र सतह पर
देखो क्या क्या करता है अब खोज लेगा ये जानकारी सब चालीस दिवस दीर्घयात्रा कर पहुँचा चंद्रयान चंद्र सतह पर…
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” घिरी घटा घनघोर रे… “
धरती एकटक अम्बर ताके, जैसे हुई चकोर रे। फिर बरखा रुत आई रे भइया, घिरी घटा घनघोर रे।। चार मास…
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सुबह-सवेरा
ताज़ी महकी हुई, चली हवा दिनकर भी फिर निकल पड़ा किरणों संग चिड़ियां चहकी पुष्प हँसे और धरती महकी…
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