कानपुर देहात

जनपद के समस्त कृषकों को चूहा / छछूंदर नियंत्रण हेतु दिए गए सुझाव, बरते सावधानियां

मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में संचारी रोग नियंत्रण अभियान दिनांक 01 जुलाई 2922 से 31 जुलाई 2022 तक जनपद में चलया जा रहा है।

कानपुर देहात,अमन यात्रा :  मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में संचारी रोग नियंत्रण अभियान दिनांक 01 जुलाई 2922 से 31 जुलाई 2022 तक जनपद में चलया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा चूहा / छछूंदर से होने वाले संक्रामक रोगों की जानकारी एवं उनके नियंत्रण हेतु जन जागरुकता अभियान जनपद में चलाया जा रहा है। जनपद के समस्त कृषकों को चूहा / छछूंदर नियंत्रण निम्नवत् सुझाव दिये जा रहें हैं। जिनको अपना कर चूहा / छछूंदर पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है और उनसे फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। निरीक्षण कर जो बिल बन्द हो वहां चिन्ह मिटा दे, जहां बिल खुले पाये वहां चिन्ह रहने दे। खुले बिल में एक भाग सरसों का तेल एवं 48 भाग भुने दाने का चारा बिना जहर मिलाये बिल में रखें, बिलों का निरीक्षण कर बिना जहर का चारा पुनः रखे। जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 01 ग्राम मात्रा को 01 ग्राम सरसों का तेल एवं 48 भाग भुने दाने में बनाये गये चारे को बिल में रखें। बिलों का निरीक्षण करें एवं मरे हुये चूहों को इकत्र कर जमीन में गाड़ दे। बिलों को पुनः बन्द करें तथा अगले दिन यदि दिन खुले पाये जाये तो उपरोक्त कार्यक्रम पुनः अपनायें। नियंत्रण :- धरों में चूहों के नियंत्रण हेतु ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत की टिकिया या जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की एक ग्राम मात्रा को एक ग्राम सरसों के तेल एवं 48 ग्राम भुना चना / गेहूँ / चावल आदि से बने चारे को बिल में रखें, चूहे दानी का प्रयोग कर के उसमें आकर्षक चारा जैसे रोटी, डबल रोटी, बिस्कुट आदि रख कर चूहों को फसा कर मार दे। चूहों के नियंत्रण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ’। चूहा नियंत्रण रसायनों का प्रयोग करते समय हाथ में दस्ताने पहने। रसायनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। मरे हुये चूहों को सावधानी पूर्वक घर से बाहर गिट्टी में दबा दें। दवा के प्रयोग के दौरान घर में रखी खाद्य सामग्री इत्यादि को अच्छी तरह से ढक दें। मच्छर रोधी पौधों का उगाया जाना जैसे कि तुलसी, पुदीना, गेदा, नीबू एवं नीम आदि जिनेब 75 प्रतिशत । यह जानकारी राम नरेश जिला कृषि रक्षा अधिकारी कानपुर देहात ने दी है।

Author: AMAN YATRA

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