राजेश कटियार, कानपुर देहात। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जनपद कानपुर देहात का गठन सभी शिक्षक संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की सहमति से किया गया। संयुक्त मोर्चा की प्रथम बैठक बीआरसी अकबरपुर में संपन्न हुई। इस संयुक्त मोर्चा में जूनियर शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, अटेवा पेंशन बचाओ मंच, विशिष्ट बीटीसी संघ, महिला शिक्षक संघ, शिक्षामित्र संघ, अनुदेशक संघ, यूटा संघ, टीएससीटी संघ एवं अन्य शैक्षणिक संघों के सभी पदधिकारी एवं सदस्य शामिल रहें। संयुक्त मोर्चा का संयोजक सर्वसम्मति से अशोक सिंह राजावत को चुना गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी अव्यवहारिक आदेश डिजिटलाइजेशन पंजिका एवं ऑनलाइन उपस्थिति का एक साथ पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है। अशोक सिंह राजावत ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को आये दिन तरह तरह के तुगलकी फरमान जारी कर परेशान किया जा रहा है, उनका मानसिक उत्पीडन किया जा रहा है।
वर्तमान में डिजिटल पंजिका और ऑनलाइन उपस्थिति का अव्यवहारिक आदेश जारी किया गया है जिसका पुरजोर विरोध पूरे प्रदेश में किया जा रहा है।शिक्षको को अपमानित करने का कार्य किया जा रहा है। हम सभी शिक्षक कई वर्षों से अपनी जायज मांगों को लेकर शासन में वार्ता कर चुके हैं लेकिन आज तक हम सभी की मांगों पर कोई निर्णय नही लिया गया। आज 10 वर्षो से अधिक समय बीत गया लेकिन एक भी पदों पर पदोन्नति नही की गई, पुरानी पेंशन नही बहाल की गई, राज्य कर्मचारी की सुविधाएं नही मिली, हमारे साथ विद्यालयों में पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे शिक्षामित्र और अनुदेशक की स्थिति कितनी दयनीय हो चुकी है। आज उनसे काम पूरा लिया जा रहा लेकिन मानदेय मात्र नौ से दश हजार रुपया दिया जा रहा है। इस मंहगाई में इस अल्प मानदेय में उनका परिवार कैसे चलेगा। गैर शैक्षणिक कार्यों का अंबार लगा है। कैशलेश चिकित्सा की व्यवस्था नही है।
हम सभी ऑनलाइन हाजिरी का विरोध नही कर रहे सिर्फ हम सभी को राज्यकर्मियों के तरह अवकाश की सभी सुविधा दे दी जाए। संयुक्त मोर्चा की मांग है कि हमारी मांगो को जल्द से जल्द पूरा करें फिर डिजिटाइजेशन को लागू करें। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति पूर्णतया अव्यवहारिक, नियमों एवं सेवा शर्तों के विरुद्ध है यह आदेश निरस्त किया जाए, हम सभी को 31 ईएल, हाफ डे सीएल, प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाये, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को उसी पद पर नियमित किया जाए, नियमतिकरण प्रकिया पूरी होने तक समान कार्य समान वेतन के सापेक्ष मानदेय दिया जाए, वर्षो से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूरी की जाए, सामूहिक बीमा एवं कैशलेश चिकित्सा की सुविधा प्रदान की जाए, ऐच्छिक जनपदों में स्थानांतरण किया जाए। नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय विद्यालयों की तरह 5 दिवसीय का शिक्षण कार्य किया जाए।
डिजिटलाइजेशन के विरोध में आगामी 15 जुलाई को संयुक्त मोर्चा द्वारा इस अव्यवहारिक आदेश के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विशाल धरना प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया जायेगा। इस अवसर पर अशोक सिंह राजावत, प्रमोद पाण्डे, संजय सचान, राहत अली, प्रताप भानु सिंह, लाल बहादुर सिंह, अशोक कुमार शुक्ला, देवेन्द्र सचान, प्रदीप कुमार यादव, कुलदीप सैनी, अखिलेश पाल, अंजलिगौड़, पारुल निरंजन, रेखारानी विश्वकर्मा, गजेन्द्र सिंह, शिवगोविंद, सन्दीप कुमार, राहुल सुमन, धीरेन्द्र कुशवाहा, अजीत सचान,विनीत मिश्रा,सरस् यादव,लोकेन्द्र सचान, महेन्द्रपाल, देवेश दीक्षित, राघवेन्द्र त्रिपाठी, पंकज शंखवार, पियूष मिश्रा, निरुपम तिवारी, चंद्रवीर पाल, रामेन्द्र सिंह, महेंद्र यादव, विकास सिंघल, अनुरुद्ध सिंह, शिव कुमार साहू, अमित मिश्रा, गौरव मिश्रा तथा सैकड़ो की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।