बीजेपी अकाली दल के बिना दो दशकों में पहली बार चुनाव लड़ रही है, जो कि एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगी थी.
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी चार सीटों पर जीती है. बीजेपी अकालियों के बिना दो दशकों में पहली बार चुनाव लड़ रही है, जो कि एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी हैं. अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी से किनारा कर लिया था. शहरी स्थानीय निकायों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, विपक्षी आप और शिरोमणि अकाली दल के बीच है.
ये चुनाव विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले ये चुनाव अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के लिए एक ‘सेमीफाइनल’ हैं, जो कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को अपनी भुनाने की कोशिश में है. राज्य में 14 फरवरी को नगर निकायों के चुनाव के लिए 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था.
अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, मोहाली, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा के आठ नगर निगमों के 2302 वार्ड और 109 नगर परिषदों के लिए कुल 9222 उम्मीदवार मैदान में हैं. उम्मीदवारों में 2,832 निर्दलीय, 2307 सत्तारूढ़ कांग्रेस के जबकि 1569 शिरोमणि अकाली दल के हैं. बीजेपी ने 1003, आप ने 1606 और बसपा ने 160 उम्मीदवार उतारे हैं.
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