अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे आखिर कैसे शिक्षित होंगे यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। अधिकारियों द्वारा लगातार ताबड़तोड़ निरीक्षण किए जा रहे हैं उसके बावजूद कुछ शिक्षक अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि ये शिक्षक बिना सूचना दिए स्कूलों से नदारद रहते हैं पिछड़े इलाकों में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां शिक्षक आपस में सामंजस्य बनाकर सप्ताह में तीन-तीन दिन विद्यालय जाते हैं और जब विद्यालय जाते हैं तो उपस्थिति पंजिका में पिछले सभी सिग्नेचर कर लेते हैं। यह हकीकत तब सामने आई जब पिछड़े ब्लॉकों में बीएसए ने ताबड़तोड़ निरीक्षण अभियान शुरू किया। कई स्कूलों में वहां के ग्रामवासी बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिक्षकों के विद्यालय न आने की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
बुधवार को बीएसए ने प्रातः 08.50 पर संविलियन विद्यालय चिरखिरी विकासखण्ड झींझक का निरीक्षण किया तो विद्यालय में शिक्षण स्तर न्यून, बच्चों को फल एवं दूध वितरित न करने एवं विद्यालय की साफ सफाई न पाये जाने तथा छात्र उपस्थिति न्यून पाये जाने के कारण कार्यरत इं०प्र०अ० प्रवेश कुमार का अग्रिम आदेशों तक वेतन अवरूद्ध कर दिया एवं इसी विद्यालय में कार्यरत गौरव कुमार विद्यालय समय बीएलओ का कार्य करने हेतु जाने की मौखिक जानकारी प्राप्त हुई जो नियम विरूद्ध होने के कारण उक्त शिक्षक को भविष्य हेतु इसकी पुनरावृत्ति न करने हेतु सचेष्ट किया गया।
इसके उपरांत प्रातः 09.30 पर प्रा०वि० चितकापुरवा का निरीक्षण किया गया विद्यालय में छात्र उपस्थित न्यून पाये जाने के कारण प्र०अ० भविष्य में छात्र उपस्थिति बढ़ाने हेतु सचेष्ट किया गया एवं स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। तदोपरान्त 10.35 पर संविलियन विद्यालय नसीरपुर का निरीक्षण किया गया इस विद्यालय में हिमांशू मिश्रा स०अ० एवं प्रवीण कुमार स०अ० के विरूद्ध ग्रामवासियों द्वारा गंभीर आरोप लगाये गये जिसमें विद्यालय न आना, सप्ताह में केवल एक या दो दिन विद्यालय आना तथा विलम्ब से विद्यालय आना एवं शिक्षण कार्य न करने आदि की शिकायत मिलीं। बीएसए ने हिमांशू मिश्रा स०अ० एवं प्रवीण कुमार स०अ० को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। प्रवीण कुमार विद्यालय से बिना सूचना अनुपस्थित मिले। विद्यालय छात्र न्यून होने एवं शिक्षण कार्य न्यून होने के कारण प्र०अ० को भविष्य हेतु सचेष्ट भी किया गया।
इसके पश्चात उ०प्रा०वि० लगरथा वि०ख० झीझंक का निरीक्षण किया गया यहां पर नामांकन एवं छात्र उपस्थिति न्यून पायी गयी। जिस हेतु प्र०अ० को भविष्य हेतु सचेष्ट करते हुए सुधार करने का आदेश निर्गत किया गया।
विद्यालयों में शिक्षण कार्य को अत्यधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के उद्देश्य से अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण करने के बावजूद आखिर कुछ शिक्षक अपनी आदतों से बाज क्यों नहीं आ रहे हैं। गुरुजनों की गैरहाजिरी शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी में सबसे बड़ी रोड़ा बनी हुई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि जिन विद्यालयों में सफाई समेत अन्य व्यवस्थाएं मानक के अनुरूप नहीं मिलीं, वहां के प्रधानाध्यापक का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है, साथ ही गायब शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। सुधार के बाद ही उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के खाते में तनख्वाह पहुंचेगी। लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षक ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
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