औरैया,अमन यात्रा । जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास/जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने बताया कि अनुसूचित जातियों के आर्थिक उत्थान के लिए अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों/परिवार जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र मे 46080 रुपये एवं नगरीय क्षेत्र में रुपये 56480 से अधिक न हो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, पहचान प्रपत्र, दो फोटो तथा तहसील स्तर से प्राप्त आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्वतः रोजगार योजना) के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के युवक युवतियां जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रु० 46080/- व शहरी क्षेत्र में रु० 56460/- है, और किसी व्यवसाय हेतु ऋण लेना चाहते हैं, उनको बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें विभाग द्वारा अधिकतम रु० 10000/- अनुदान एवं परियोजना लागत का 25% मार्जिन मनी ऋण 5% वार्षिक दर पर जिसकी वसूली 36 मासिक किस्तों में की जाती है, शेष बैंक ऋण बैंक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे अनुसूचित जाति के पात्र इच्छुक दिव्यांग व्यक्ति आवेदन करते हैं तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
नगरीय क्षेत्र में दुकान निर्माण योजना के अन्तर्गत नगरी क्षेत्र में व्यावसायिक स्थल पर दुकान निर्माण योजना में जिन अनुसूचित जाति के व्यक्ति के पास स्वयं की भूमि से कम से कम 13.32 वर्गमीटर व्यवसायिक स्थल पर भूमि उपलब्ध हो, उन्हें शासन द्वारा दुकान निर्माण कराने हेतु कुल रु० 78000/- धनराशि दी जाएगी, जिसमें रु० 10000/- अनुदान एवं रु० 68000/- बिना ब्याज का ऋण दिया जाएगा। जिसकी अदायगी 10 वर्ष में 120 समान मासिक किस्तों में करनी होगी। इसी तरह धोबी जाति एवं अनुसूचित जाति के आर्थिक उत्थान हेतु विभाग द्वारा लाण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत 2,16,000/- तथा 1,00,000/- रुपये है, जिसमें क्रमशः रु० 10000/- अनुदान एवं 2,06,000/- रुपये ब्याज मुक्त ऋण है तथा रु० 10000/- अनुदान एवं रु० 90000/- ब्याजमुक्त ऋण है।
ऋण की अदायगी के क्रम में गारन्टर के रूप में गारन्टी या भूमी बन्दूक की जाती है। ऋण की अदायगी 60 समान मासिक किस्तों में 5 वर्षों में करनी होती है। अनुसूचित जाति के युवक/युवतियों के आर्थिक उत्थान हेतु टेलरिंग शाप योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत 20000 रूपये है। इसमें रुपये 10000 अनुदान एवं 10000 बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जिसमें परिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं तथा उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूह में पात्र अनुसूचित जाति की महिलाओं तथा कौशल विकास मिशन द्वारा सिलाई कढ़ाई में प्रशिक्षित व्यक्तियों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
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