राजेश कटियार, कानपुर देहात। मगंलवार को बेसिक स्कूलों में कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थियों की निपुण मूल्यांकन परीक्षा कराई गई। अधिकारियों ने परीक्षा का जायजा लिया और छात्रों की उपस्थिति चेक की।
अफसरों का दावा है कि पहले दिन 85 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी लेकिन आज बच्चों में और अधिक उत्साह देखने को मिला लगभग 89 फीसदी बच्चों ने नैट परीक्षा में प्रतिभाग किया है। बरसात होने के बावजूद छात्रों की जबरदस्त उपस्थिति दर्ज होने से बच्चों की निपुणता परीक्षा में गुरुजी पास हो गए। परीक्षा में बच्चों की शत प्रतिशत हाजिरी का शिक्षकों पर इस कदर दबाव था कि कुछ अध्यापक अपनी कार से बच्चों को उनके घर से लेकर आए। उनका कहना था कि बरसात एवं जल भराव की वजह से कुछ बच्चे स्कूल आने में आनाकानी कर रहे थे इसलिए हम उनके घर पहुंच कर उनको अपनी गाड़ी में बिठाकर विद्यालय लेकर आए।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों की बौद्धिक क्षमता, सीखने व समझने की दक्षता का आकलन निपुण असेसमेंट टेस्ट (नैट) से किया जा रहा है। दो दिवसीय परीक्षा के पहले दिन दुश्वारियों के बीच अधिकांश शिक्षकों ने जैसे-तैसे ओएमआर शीट पर टेस्ट संपन्न कराया। दूसरे दिन खराब नेटवर्क व तकनीकी दिक्कतों की वजह से सरल एप से भी जूझना पड़ा। परीक्षा के बाद स्कैन की जाने वाली ओएमआर शीट को अपलोड करने में मशक्कत करनी पड़ी।
1925 परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे एक लाख 42 हजार विद्यार्थियों का निपुण असेसमेंट टेस्ट दो दिन में सकुशल संपन्न हो गया। सोमवार को पहले दिन कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का टेस्ट सुबह नौ से साढ़े 10 बजे तक हुआ। वहीं दूसरे दिन यानि मंगलवार को कक्षा चार से आठ तक के विद्यार्थियों का टेस्ट हुआ।
ओएमआर शीट अपलोड करने में छूटे पसीने-
मंगलवार को कक्षा 4 से कक्षा 8 की नैट परीक्षा प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक संपन्न हुई। परीक्षा तो सकुशल संपन्न हो गई लेकिन सरल एप पर परिणाम का ओएमआर शीट अपलोड करने में अध्यापकों के पसीने छूट गये। किसी का ओएमआर शीट स्कैन नहीं हो रहा था तो किसी का पहला पेज स्कैन करने के पश्चात दूसरा पेज स्कैन करते समय पहला पेज गायब हो जा रहा था तो किसी का स्कैन होकर सेव नहीं हो रहा था। किसी का सेव होकर फाइनल सबमिट नहीं हो रहा था। कुछ अध्यापकों ने यह भी बताया कि फाइनल सबमिट होने के बाद भी स्कैन डाटा फिर शून्य हो गया। अध्यापक हलाकान होकर बीआरसी पर स्थापित कंट्रोल रूम के अलावा एक दूसरे से समस्या का समाधान पूछते रहे लेकिन सबको कुछ न कुछ समस्या बनी रही। कुछ शिक्षकों ने बताया कि अभी भी सरल ऐप पर बच्चों का स्कैन जीरो दिख रहा है। फिलहाल काफी मशक्कत के बाद फाइनल सबमिट हो पाया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में तय समय से परीक्षा शुरू हुई। परीक्षा पूरी तरह से सफल रही है। परीक्षा के माध्यम से छात्रों का शैक्षिक आकलन किया गया है जिन छात्रों का स्कोर कमजोर होगा उन्हें विशेष कक्षाएं दी जाएंगी वहीं इस परीक्षा से शिक्षकों का भी आंकलन होगा। इससे निपुण लक्ष्य हासिल करने में भी काफी मदद मिलेगी।
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