लखीमपुर खीरी में हुई हिसा के बाद यहां भी विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन दिनभर चलता रहा। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता कार्यालय पर एकत्रित हुए और कलक्ट्रेट की ओर चल दिए, लेकिन कलक्ट्रेट पर पहले से ही बैरीकेडिग कर दी गई थी। वहीं उन्हें रोक दिया गया। बाद में उन्होंने एडीएम प्रशासन विवेक मिश्र को ज्ञापन सौंपा। सपा जिलाध्यक्ष परवेज जुबैरी ने कहा कि सरकार लखीमपुर खीरी कांड को दबाना चाहती है इसलिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लखीमपुर खीरी नहीं जाने दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री हिंसा करा रहे हैं, जो किसान मारे गए हैं उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इसकी बड़ी कीमत भाजपा को चुकानी पड़ेगी। पूर्व विधायक अमित गौरव यादव, पूर्व विधायक अजय यादव, जिला महासचिव भूपेंद्र प्रजापति समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष संदीप यादव, लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, रंजीत सिंह यादव, आलोक यादव, प्रशांत यादव, अनिल प्रधान, शौर्य यादव, कुलदीप सिंह यादव, सुनील यादव, पप्पू यादव, नीरज यादव, वरुण प्रताप सिंह समेत तमाम कार्यकर्ता मौजूद थे।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। वे जीटी रोड पर धरना देकर बैठ गए। सरकार का पुतला फूंका, मगर पुलिस ने तत्काल ही कार्यकर्ताओं को सड़क से हटा दिया। जिलाध्यक्ष गंगासहाय लोधी, पूर्व विधायक प्रेमपाल सम्राट, रजत यादव, नीलिमा राज, भगवान स्वरूप प्रजापति, पूर्व जिलाध्यक्ष चोब सिंह धनगर, मोहम्मद इरफान, अनिल सोलंकी, विनीत पाराशर, भोला गुप्ता, नीरज मिश्रा, प्रमोद महाजन, रियाज अब्बास, सुल्तान अली, परवेज सिद्दीकी, अरिवंद कश्यप, नैना शर्मा, चंद्रकांत गांधी, मदन गोपाल, रवेंद्र लोधी आदि मौजूद थे। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने भी कलक्ट्रेट पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह यादव, प्रेम चौहान, रश्मि यादव, जयवीर सिंह आदि मौजूद रहे।