कानपुर देहात

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए 27 सितंबर का दिन था काला दिन : वीके मिश्रा

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता एवं मंडलीय महामंत्री वीके मिश्रा ने कहा है कि अब वह दिन दूर नहीं जब शिक्षक भी ठेके पर ही पढ़ाई करते नजर आएंगे। उन्होंने 27 सितंबर को न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को काला दिवस की संज्ञा दी है।

सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात :  उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता एवं मंडलीय महामंत्री वीके मिश्रा ने कहा है कि अब वह दिन दूर नहीं जब शिक्षक भी ठेके पर ही पढ़ाई करते नजर आएंगे। उन्होंने 27 सितंबर को न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को काला दिवस की संज्ञा दी है। उन्होंने बताया किकल 27 सितंबर का दिन सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए एक बड़ा झटका वाला दिन रहा। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के उस निर्णय पर मुहर लगा दी जिसमें सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के सभी पदों को समाप्त कर दिया था और अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी केवल आउटसोर्सिंग के माध्यम से ही रखे जाने के निर्णय लिये गए थे। शीर्ष न्यायालय ने तो यहां तक टिप्पणी कर दी कि इस तरह के फैसले सरकार के नीतिगत फैसले हैं और संस्थानों को प्रश्न खड़ा करने का अधिकार नहीं और न ही हाईकोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए

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यह एक बड़ी टिप्पणी है। अभी तक हम सभी वित्तविहीन शिक्षक साथियों को समान कार्य और समान वेतन के लिए आवाज उठा रहे थे लेकिन अब खुद की नौकरी और वेतन पर खतरा मंडराने लगा है, भविष्य में शिक्षक भर्ती पर ही सवाल उठ गया है। हमारी आने वाली पीढ़ियों, हमारे अपने बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। उन्हें अब सम्मानजनक नौकरी पाने के बजाय, शोषण का शिकार होना पड़ेगा।

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मैं तो यहां तक स्पष्ट कर रहा हूँ कि कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 10-15 हजार के मानदेय पर शिक्षक रखने या आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्राइवेट सेक्टर को शिक्षक उपलब्ध कराने का ठेका दिये जाने का रास्ता खुल गया। जिस तरह शासनादेश  द्वारा इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट के अध्याय-3 के विनिमय 101 प्रतिस्थापित कर चतुर्थ श्रेणी के पदों को समाप्त कर दिया गया, उसी तरह अगर नियमित शिक्षकों के पदों को समाप्त कर आउटसोर्सिंग से ही ठेके पर टीचर्स रखने के लिए विनियमों में संशोधन कर दिया गया तो क्या होगा? अब तो हाईकोर्ट इसे असंवैधानिक भी नहीं ठहरा सकता। कल का फैसला सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए झटका नहीं है बल्कि हम सभी के लिए झटका है।

Author: AMAN YATRA

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