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सीबीएसई 12वीं के रिजल्ट के लिए अपनाएगी 30:30:40 फॉर्मूला ? पढ़ें डिटेल्स

सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब छात्रों को उनके रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है. छात्र ये भी जानना चाहते हैं कि उनका परिणाम किस आधार पर तैयार किया जाएगा.

नई दिल्ली,अमन यात्रा : सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब छात्रों को उनके रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है. छात्र ये भी जानना चाहते हैं कि उनका परिणाम किस आधार पर तैयार किया जाएगा. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के 10वीं, 11वीं के फाइनल परीक्षा के मार्क्स और 12वीं के प्री बोर्ड के मार्क्स के आधार पर रिजल्ट तैयार कर सकता है.

13-सदस्यीय कमेटी 30:30:40 फॉर्मूला के पक्ष में है

सीबीएसई द्वारा नियुक्त 13-सदस्यीय कमेटी बारहवीं कक्षा के छात्रों के इवैल्यूएशन क्राइटेरिया की सिफारिश करने के लिए 30:30:40 फॉर्मूला के पक्ष में है. यानी 10वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट को 30% वेटेज दिया जाएगा और 12वीं कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम को 40% वेटेज दिया जाएगा.

कमेटी 17 जून को मार्किंग फॉर्मूला की कर सकती है घोषणा

गौरतलब है कि कमेटी द्वारा मार्किंग फॉर्मूला को 17 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करने के बाद घोषित किए जाने की संभावना है. बता दें कि पिछले महीने अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें महामारी के कारण सीबीएसई कक्षा बारहवीं की परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी.

वहीं सीबीएसई ने सबसे पहले  1 जून को बारहवीं कक्षा की परीक्षा रद्द की थी. इसके बाद  कई राज्य बोर्डों ने भी अपनी बोर्ड परीक्षा कैंसल कर दी.

स्कूलों को प्रैक्टिकल टेस्ट ऑनलाइन आयोजित कराने के निर्देश

कई स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने कमेटी को ये जानकारी दी है कि वे एकेडमिक ईयर 2020-21 के दौरान स्कूलों में आयोजित किए गए टेस्ट और एग्जाम के आधार पर छात्रों की मार्किंग करने की स्थिति में हैं. जिन स्कूलों में प्रैक्टिकल टेस्ट आयोजित नहीं किए जा सके हैं, उन्हें ऑनलाइन प्रैक्टिकल टेस्ट और ओरल आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि बारहवीं कक्षा के इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स 28 जून तक सीबीएसई सिस्टम पर अपलोड किए जाने हैं.

मूल्यांकन को लेकर है अलग-अलग राय

वहीं कुछ प्रिसिपल्स का कहना है कि बारहवीं कक्षा के पीरियोडिक टेस्ट, प्री-बोर्ड मार्क्स और इंटरनल असेसमेंट को ज्यादा वेटेज दिया जाना चाहिए, “एक प्रिंसिपल ने कहा, ग्यारहवीं कक्षा के अंकों को शामिल करना अनुचित होगा क्योंकि छात्र ग्यारहवीं कक्षा को गंभीरता से नहीं लेते हैं. मुंबई कॉलेज के एक प्रिंसिपल का कहना है कि सीबीएसई 2018-19 से छात्रों का मूल्यांकन कर सकता है क्योंकि वे दसवीं कक्षा के बाद उसी स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रखते हैं.

Author: AMAN YATRA

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