सुलतानपुर, अमन यात्रा । प्रधानमंत्री को काला झंडा दिखाने वाली महिला की काली करतूत उजागर हुई। उसने राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए खुद पर गोली चलवाई थी। इस साजिश के राजफाश का दावा करते हुए पुलिस ने बुधवार को महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बहुचर्चित घटना लम्भुआ कोतवाली के दियरा ओवरब्रिज पर हुई थी।
रीता यादव नाम की महिला ने आरोप लगाया था कि तीन जनवरी की शाम जिला मुख्यालय से लौटते वक्त बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी। सीओ सतीश चंद्र शुक्ल ने बताया कि घटना को लेकर महिला शुरू से ही बदल-बदलकर बयान दे रही थी। सर्विलांस के जरिए व पूछताछ में पता चला कि रीता ने गांव के पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव से मिलकर सुनियोजित हमले की साजिश रची। उसने सोचा कि ऐसा करने से पार्टी सहानुभूति बरतेगी और टिकट पाने का रास्ता आसान हो जाएगा। दोमुहा के पास सूरज, माधव यादव व अन्य युवक रीता के साथ बोलेरो में सवार हो गए। ओवरब्रिज पर चढ़ते ही वाहन को किनारे लगाकर सूरज ने गोली चलाई। सूरज का कहना है कि बोलेरो पर फायर करने की योजना थी, लेकिन गोली गलती पैर में लग गई। रीता के खिलाफ कोतवाली देहात, गोसाईगंज व चांदा में पहले से भी मामले दर्ज हैं।
पीएम को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आई रीता : 16 नवंबर को एयर शो व पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शुभारंभ करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कला झंडा दिखाकर रीता चर्चा में आई थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया था। सीओ ने बताया कि रीता, चाचा माधव को अपना राजनीतिक गुरु मानती है। उसने ही जगदीशपुर में एक रैली के दौरान उसे कांग्रेस में शामिल कराया था। लम्भुआ विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर कई लाेग दावेदारी पेश कर रहे थे, इसलिए वह अपने आपको असफल मानकर चल रही थी।