कानपुर, अमन यात्रा । यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी मची हुई है, कहीं दल बदले जा रहे हैं तो कहीं वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। यह चुनावी रंग अब पुलिस विभाग के कुछ पुलिस कर्मियों पर भी चढ़ गया है। एक जातिगत भड़काऊ पोस्ट वायरल होने पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने एक एसआई और सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया है। मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद सिपाही ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी है। अब इस मामले में आलाधिकारी विभागीय जांच की बात कह रहे हैं।

दरअसल, चकेरी थाने के कृष्णा नगर चौकी में दो साल से अधिक समय तक तैनात रहे सिपाही व एसआई का स्थानांतरण हो गया था। नए तैनाती स्थल पर ज्वाइन भी कर लिया है। शुक्रवार को महिला एसआई के लिए लिखी गई सिपाही के फेसबुक अकाउंट की पोस्ट तेजी से वायरल हुई, जिसमें सिपाही ने कानपुर कमिश्नरेट पर जातिगत भेदभाव करने की बात लिख दी। सिपाही की यह पोस्ट जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई, चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। पोस्ट में लिखा था कि कानपुर कमिश्नरेट पुलिस में जाति को सभी थाने चौकियों से हटा दिया गया है। आखिर इस जाति के प्रति इतनी नफरत क्यों।  आनन फानन मामला आलाधिकारियों तक पहुंच गया तो फिर संबंधित सिपाही ने फेसबुक से पोस्ट को हटा लिया।

एसआई और सिपाही की फोटो हुई वायरल

अधिकारियों ने जब सिपाही के फेसबुक अकाउंट की जांच की तो उसमें कई पोस्ट ऐसी मिलीं, जिसमें सिपाही और एसआई एक पूर्व कैबिनेट मंत्री के साथ नजर आ रहे हैं। यह फोटो भी इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर खूब वायरल हो रही है। एसआई के चौकी से हटने के बाद सिपाही ने फेसबुक पर पुलिस कमिश्नरी पर आरोप लगाते हुए पोस्ट की थी। सामने आया कि कृष्णा नगर चौकी में तैनात रहीं एसआई के उकसाने पर सिपाही ने फेसबुक पोस्ट करते हुए पुलिस कमिश्नरी पर आरोप लगाया था। प्राथमिक जांच के बाद एसआइ और सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जा रही है।