कानपुर,अमन यात्रा । चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के दीक्षा समारोह में रविवार को 983 छात्रों को को उपाधि मिली। कोरोना के कारण दो साल से समारोह स्थगित हो रहा था। इससे होली पर उनका उल्लास दोगुणा हो गया।

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के सभागार में इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नवंबर 2019 से अगस्त 2021 तक बने 983 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) को सदस्यता प्रमाण पत्र (उपाधियां) प्रदान की गईं। रैंक होल्डरों को सम्मानित किया गया।

सेंट्रल काउंसिल सदस्य और दीक्षा समारोह के समन्वयक सीए अनुज गोयल ने नवनिर्वाचित चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को बधाई दी। उन्होंने बताया, विगत वर्षों से सीए सदस्यों के लिए नौकरी के प्रस्तावों में वृद्धि हुई है। सीए ज्ञान चन्द्र मिश्र ने कहा, यह पेशा व्यक्तिगत धनोपार्जन का जरिया नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर सूक्ष्म दृष्टि रखते हुए देश की आर्थिक गतिविधियों को आगे ले जाने का रास्ता है।

सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सभापति सीए अतुल मेहरोत्रा ने कहा, आइसीएआइ ने शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। संस्था की सदस्यता प्राप्त करने के बाद सीए को विभिन्न अवसर प्राप्त होंगे। समारोह में सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सदस्य सीए अभिषेक पांडेय, सीआइआरसी के कोषाध्यक्ष सीए राजीव गुप्ता, गोविंद अग्रवाल मौजूद रहे।

इन रैंक होल्डर्स को मिला सम्मान

मरियम फातिमा, आयुषि अग्रवाल, शिवांगी कसौधन, वैभव अग्रवाल, सौम्या गर्ग, शिवम अग्रवाल, शब्दरूप सत्संगी, पारुल मखीजा, अक्षली गौर, चारू गोयल, यश विजय, मोहित मदान, ध्रुव अग्रवाल, अनुपम जैन, मेघना टंडन, देवांशी अग्रवाल, अनुभव अग्रवाल, प्रगति तेजवानी, अवनी मल्होत्रा, अक्षत कौशल, श्रद्धा पचेरीवाला, आयुष केजरीवाल, रितेश दनगैच, अवि गुप्ता, तुषार खंडेलवाल, मनन कंसल, पंकज जैन, दिव्यम गर्ग, अंकित अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, अनूप गुप्ता।

शादी के दूसरे दिन मिली उपाधि

जाजमऊ निवासी मरियम फातिमा की शनिवार को शादी हुई और रविवार को सदस्यता प्रमाणपत्र पाकर उनकी खुशी दोगुनी हो गई। उन्होंने बताया, नवंबर 2019 में सीए पास किया था। देश में 30वीं रैंक थी और कानपुर टाप किया था। बताया कि उनके पति मो. तलहा खान भी सीए कर रहे हैं। उनके सीए बनते ही दुबई जाकर नौकरी करेंगे। दो-तीन वर्ष बाद लौटकर स्टार्टअप शुरू करेंगे। अभी गुरुग्राम की केपीएमजी कंपनी में कार्यरत हैं।

कोर्स करते ही मिल गई बैंक में नौकरी

लखनऊ निवासी शिवांगी कसौधन ने नवंबर 2020 में सीए पास किया था। देश में 15वीं रैंक थी और लखनऊ टाप किया था। उन्होंने बताया, उनके पिता व परिवार में सभी सदस्य डाक्टर हैं। कामर्स में रुचि के कारण उन्होंने सीए किया। कोर्स पूरा करते ही आइसीआइसीआइ बैंक में नौकरी लग गई और वर्तमान में वाराणसी ब्रांच में क्रेडिट मैनेजर हैं। वह आगे सीपीए कोर्स करना चाहती हैं, ताकि अमेरिका जाकर नौकरी कर सकें।

मां की प्रेरणा ने बनाया चार्टर्ड अकाउंटेंट

बरेली निवासी देवांशी अग्रवाल ने बताया कि उनके परिवार में कोई भी सीए नहीं है। वह सिविल सेवा में जाना चाहती थीं, लेकिन मां की इच्छा थी कि सीए बनूं। नवंबर 2020 में सीए पास किया और देश में 15वीं रैंक हासिल की। वर्तमान में नोएडा की स्टील उत्पादन करने वाली आर्सलर मित्तल कंपनी में फाइनेंस और एनालिस्ट हैं। भविष्य में सीएफए (सर्टिफाइड फाइनेंस एनालिस्ट) कोर्स करना चाहती हैं।

सिविल सेवा में जाने का सपना

राजस्थान में भिवाड़ी निवासी अनुभव अग्रवाल ने बताया, नवंबर 2019 में दिल्ली से सीए पास किया था और देश भर में 22वीं रैंक थी। पापा बृजमोहन अग्रवाल भी सीए हैं। उनकी प्रेरणा से ही यह क्षेत्र चुना। अभी पिता के काम में हाथ बंटाते हैं, लेकिन सपना आइएएस बनने का है। सिविल सेवा ही वह जरिया है, जिससे देश की सेवा की जा सकती है।

शिक्षक की प्रेरणा से बने सीए, पटना में मिली नौकरी

प्रयागराज निवासी अक्षत कौशल ने नवंबर 2019 में सीए परीक्षा में देश में 27वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने बताया, वह 12वीं में जिस कोङ्क्षचग में पढ़ते थे, वहां के शिक्षक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। उनकी प्रेरणा से ही इस क्षेत्र को चुना। कोर्स करते ही उनकी पटना स्थित पावर ग्रिड में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर नौकरी लग गई थी। अब इसी फील्ड में आगे बढ़ेंगे और दूसरों की सेवा करेंगे।

पति एजीएम और पत्नी कर रहीं प्रैक्टिस

लखनऊ के अमीनाबाद निवासी मो. मुख्तदिर और उनकी पत्नी जरीना खातून भी एक साथ सदस्यता प्रमाणपत्र लेने पहुंचे। 14 मार्च को ही दोनों की शादी हुई है। मुख्तदिर ने बताया, दोनों ने नवंबर 2019 में सीए किया। इसके बाद ही अपोलो अस्पताल में एजीएम फाइनेंस के पद पर नौकरी लग गई। वहीं, जरीना ने अलग से प्रैक्टिस शुरू कर दी। इसी क्षेत्र में आगे बढ़कर सेवा करना लक्ष्य है।

सीए करने से पिता को भी मिली मदद

चमनगंज निवासी अनम शाहिद ने भी नवंबर 2019 में सीए पास किया और अब तिलकनगर स्थित एक फर्म में पार्टनरशिप पर प्रैक्टिस कर रही हैं। उन्होंने बताया, पिता का ट्रेडिंग का व्यवसाय है। सीए करने से उन्हें भी कारोबार में मदद दे सकती हूं। कुछ वर्ष प्रैक्टिस के बाद खुद का स्टार्टअप शुरू करने पर विचार करेंगी, ताकि दूसरों की भी रोजगार के अवसर मुहैया करा सकें।