प्रदेश सरकार भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए वर्षा जल को खेतों में रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम चला रही है। भारतीय संस्कृति में पुरखों की सबसे पुरानी भू-जल संरक्षण विधि ’खेत के ऊपर मेड़, मेड़ के ऊपर पेड़’ वर्षा बूंदे जहाॅ गिरे, वहीं रोंके। जिस खेत में जितना पानी होगा, खेत उतना अधिक उपजाऊ होगा। मानव जीवन की सभी आवश्यकताएं जल पर निर्भर है तभी तो जल ही जीवन कहा गया है। मनुष्य को जब से भोजन की आवश्यकता पड़ी होगी हमारे पुरखों ने भोजन का आविष्कार किया होगा।एक स्थान पर फसल उगाया गया होगा, फसलें पैदा की गई होगी। जमीन समतल कर खेती योग्य बनाया गया होगा। खाद्यान्न पैदा करने के लिए खेत का निर्माण तय हुआ होगा, तभी से मेड़बन्दी जैसी जल संरक्षण की विधि का आविष्कार हुआ होगा। यह हमारे देश के पुरखों की विधि है जिनसे खेत खलिहान का जन्म हुआ है। जिन्होंने जल संरक्षण की परम्परागत प्रमाणित सरल सर्वमान्य मेड़बन्दी विधि का आविष्कार किया है
कानपुर देहात। वर्तमान शैक्षणिक सत्र के अन्तिम कार्य दिवस में प्राथमिक विद्यालय खेम निवादा रसूलाबाद…
कानपुर देहात। स्टूडेंट्स की प्रतिभा निखारने और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाने…
कानपुर देहात। सूबे के कक्षा एक से आठ तक स्कूलों में शनिवार को गर्मी की…
अमन यात्रा ब्यूरो,पुखरायां।लोकसभा निर्वाचन 2024 के पांचवें चरण के मतदान में आगामी 20 मई सोमवार…
कानपुर देहात। लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को सकुशल,शांतिपूर्ण,निष्पक्ष रूप में संपन्न कराए जाने हेतु जिलाधिकारी…
अमन यात्रा ब्यूरो। कानपुर देहात जनपद मुख्यालय स्थित जनकपुरी मैदान में खाटू श्याम बाबा का…
This website uses cookies.