सम्पादकीय

सरकारी फरमानों ने बेसिक शिक्षा का कर दिया बेड़ा गर्क

सरकारी फरमानों ने परिषदीय स्कूलों की शिक्षा का बेड़ा गर्क कर दिया है शिक्षक अब बच्चों को पढ़ाते नहीं बल्कि…

3 months ago

सरकारी कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन है तो एनपीएस में पाउडर, लिपिस्टिक लगाने की क्या जरूरत

पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार दिन प्रतिदिन नई-नई…

7 months ago

जन उपयोगी सुविधाओं की होती बदहाली से पात्र जनता परेशान, कर्मचारियों,अधिकारियों की मौज

ये कैसा सामाजिक न्याय है गरीब के लिए कुछ और,अमीर के लिए कुछ और ये कैसा कानूनी मापदण्ड हैं,जब संविधान…

7 months ago

शिक्षा के गिरते स्तर के लिए शिक्षक दोषी है या शिक्षा व्यवस्था

शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए बेसिक स्कूलों के शिक्षकों को दोषी ठहराना उचित नहीं, लोगों को बदलनी होगी अपनी…

10 months ago

बुलडोजर बड़ा या एन्काउंटर

योगी जी ने छ: साल में यूपी को सचमुच पहले उत्तम और अब उत्सव प्रदेश बना दिया है। अगर थोड़ी-बहुत…

1 year ago

पोषणयुक्त भोजन का बेहतर विकल्प हैं मोटे अनाज

आय, स्वास्थ्य और ज्ञान एक ऐसी त्रिकोणीय है जो पूरक है विकास की। इनमें से किसी एक के भी अभाव…

1 year ago

शक की नजरों से क्यों देखी जाती है एक अकेली औरत

यह विषय बड़ा अजीब लग सकता है लेकिन आज समाज मे इस पर बहस होनी अतिआवश्यक है।अकेली औरत होने के…

1 year ago

संवेदनहीन होता समाज : कन्नौज की तड़पती 12 साल की बच्ची

"कन्नौज के एक सरकारी गेस्ट हाउस के अहाते में दर्द से तड़पती, मदद के लिए हाथ थाम लेने की गुहार…

2 years ago

माँ का द्वितीय स्वरूप : “ब्रह्मचारिणी”

 नवरात्रि के नौ दिवस हम माता के विभिन्न स्वरूपों की स्तुति करते है, उन्हीं में नवरात्रि के दूसरे दिन माँ…

2 years ago

ज्ञान सिखाता जीने की कला

यह सच है कि जीवन उथल-पुथल भरा हुआ है। कभी ख़ुशी-कभी ग़म। जबकि यह सर्वविदित है कि ख़ुशी भी हो…

2 years ago

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