नई दिल्ली, अमन यात्रा। अपना घर हर किसी का सपना होता है। आम भारतीय के लिए यह जीवन का सबसे बड़ा खर्च होता है। यही कारण के कि लोग घर खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) लेते हैं। होम लोन के ग्राहक के लिए करीब 20 वर्ष लंबी अवधि तक इस कर्ज को चुकाना एक मुश्किल प्रक्रिया होती है। होम लोन के ग्राहक कुछ उपायों से इस वित्तीय दबाव को कम कर सकते हैं। इसमें से एक यह है कि ग्राहक भुगतान की प्रक्रिया को तेज कर दें और अपने होम लोन को समय से पहले चुका दें। आइए जानते हैं कि वे कौन-से उपाय हैं, जिनसे होम लोन के बोझ को कम किया जा सकता हैं।

घटाएं Home Loan की अवधि

बेसिक होम लोन के को-फाउंडर एवं सीईओ अतुल मोंगा का कहना है कि होम लोन का तेजी से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए आप लंबी अवधि की बजाए छोटी अवधि के लोन का चयन कर सकते हैं। अर्थात आपको अपने होम लोन अकाउंट में ईएमआई की बजाए अतरिक्त पैसे जमा करने होंगे। ऐसा करने से आपकी ब्याज लागत में कमी आएगी। वैसे भी लोन का समय से पहले भुगतान करना बेहतर विकल्प ही होता है। ऐसे में मूलधन का समय से पहले भुगतान आपको ब्याज के मद में किए जाने वाले भुगतान से बचत देगा।

दूसरा, कई बार कम अवधि के Loan को रिफाइनेंस करना आकर्षक लगता है, लेकिन जब बात मासिक किस्त में इजाफे की आती है, तो स्थिति थोड़ी अलग हो जाती है। अगर आपके पास पहले से कोई होम लोन है, तो आपको बैंक से इसे कम ब्याज दर पर रिफाइनेंस करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। हालांकि, सभी बैंक ऐसा करने को तैयार नहीं होते।

मोंगा के अनुसार, इस मामले में ग्राहक को दूसरे बैंकों की तरफ से दी जा रही ब्याज दरों पर नजर बनाए रखनी होगी। ऐसा कर आप दूसरे बैंक में बैलेंस ट्रांसफर कर ब्याज दर में राहत पा सकते हैं। हालांकि, इस दौरान आपको मौजूदा बैंक को पेनल्टी और नए कर्जदाता को प्रोसेसिंग फी के तौर पर कुछ निश्चित रकम का भुगतान करना पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि आप ऐसा करने के पहले बेहद सूक्ष्मता से आकलन करें और फिर फैसला लें। वरना कुछ पैसे बचाने के चक्कर में हो सकता है कि आपको ज्यादा पैसे का भुगतान करना पड़ जाए। अगर आप कम अवधि के लोन का विकल्प सामने रखते हैं, तो हो सकता है कि आपका बैंक कम ब्याज दर पर लोन उपलब्‍ध करा दे। ऐसा कर आप होम लोन को जल्द बंद कर सकते हैं और कम ब्याज दर ईएमआई का भुगतान करने की बजाए ज्यादा रकम बचा सकते हैं।

इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए कि आपने 20 सालों के लिए 70 लाख रुपये का होम लोन 8.5 फीसद की ब्याज दर पर ले रखा है। इस मामले में आपकी मासिक किस्त यानी ईएमआई 60,748 रुपये है और आपको मूलधन के साथ कुल भुगतान 14,579,520 रुपये का करना होगा। अब मान लेते हैं कि चार सालों बाद आपका बैंक ब्याज दर को घटाकर 7.5 फीसदी कर देता है, तो आपकी ईएमआई कम होकर 56,392 रुपये हो जाएगी। यानी कि आप हर महीने 4,356 रुपये बचा रहे होंगे। इस लिहाज से आप करीब 10 लाख रुपये की बचत कर पाएंगे। लेकिन अगर आप 68,932 रुपये की ईएमआई का बोझ उठाने की हालत में हैं, तो आप अपने लोन की अवधि को घटाकर 12 साल कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको ईएमआई के मद में ज्यादा का भुगतान करना होगा, लेकिन लंबे समय में आपको करीब 22 लाख रुपये की बचत होगी।

SIP का सहारा लें

होम लोन की लागत काफी अधिक होती है और यह आप पर भारी पड़ सकता है। कई मामलों में ब्याज पर किया जाने वाला भुगतान मूलधन से ज्यादा होता है। ऊपर दिए गए उदाहरण में यह देखा जा सकता है कि जहां उपभोक्ता को कुल 14,579,520 रुपये का भुगतान करना पड़ा, अर्थात 76 लाख रुपये का अतिरिक्‍त भुगतान उसे ब्याज के तौर पर करना पड़ा। हालांकि, इससे बचने का तरीका है। क्या आपको पता है कि आप एक एसआईपी की मदद से अपने होम लोन का समय से पहले भुगतान कर सकते हैंl

मोंगा के अनुसार, अगर आप 70 लाख रुपये की 0.10 फीसद रकम को एसआईपी में लगाएं, तो आपको महीने का 7,000 रुपये का भुगतान करना होगा। 20 सालों में आप 16.80 लाख रुपये का निवेश कर चुके होंगे और आपकी कुल पूंजी 1.04 करोड़ रुपये हो चुकी होगी। अगर इसमें से निवेश की गई पूंजी को निकाल भी दें, तो आपके पास 88 लाख रुपये होंगे, जो आपके द्वारा होम लोन पर किए जाने वाले ब्याज भुगतान से अधिक की रकम होगी। इस रकम की मदद से आप अधिक मात्रा में डाउन पेमेंट कर मूलधन की रकम को कम कर सकते हैं।

आय में बढ़ोतरी के साथ बढ़ाएं ईएमआई की रकम

बाजार में मौजूद सभी लोन के मुकाबले होम लोन सबसे लंबी अवधि का लोन होता है। यानी इस लंबी अवधि में आपकी आय में इजाफा होने की उम्मीद होती है। मोंगा के अनुसार, अगर आप वेतनभोगी हैं, तो आपके वेतन में बढ़ोत्तरी होने के साथ अगर संभव है, तो आपको अतिरिक्त रकम का भुगतान करना चाहिए। यह कर्ज को चुकाने का सबसे शानदार तरीका है, क्योंकि इसकी मदद से आप मूलधन को चुका रहे होते हैं। ईएमआई में थोड़ी सी बढ़ोतरी एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं और इससे आपको लोन की बची हुई अवधि को घटाने में मदद मिल सकती हैं।