कानपुर, अमन यात्रा। नौकरी के बहाने ओमान भेजी गईं उन्नाव जिले की दो महिलाएं रविवार को भारत लौटेंगी। इन्हें वहां बेच दिया गया था। शेख इनसे घरेलू काम कराने के साथ ही इनका शारीरिक शोषण भी करते थे। शुक्रवार को ओमान के भारतीय दूतावास ने इन महिलाओं की टिकट संबंधी औपचारिकता पूरी करा दी गई है। इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच ने महिलाओं के परिवार को भी दी है। इसके साथ मानव तस्करों के बेंगलुरु व दिल्ली में मौजूद साथियों की तलाश में दो टीमें जल्द रवाना की जाएंगीं।

उन्नाव निवासी राजमिस्त्री की पत्नी को जनवरी में कर्नलगंज निवासी अतीकुर्रहमान व इफ्तिखाराबाद निवासी मुजम्मिल ने अस्पताल में नौकरी लगवाने के बहाने ओमान भेजा था। आरोप है कि वहां उनकी पत्नी को छह मंजिला दफ्तर में श्रीलंकाई मूल की महिला आयशा ने बंधक बना लिया। पासपोर्ट, वीजा, मोबाइल फोन आदि छीनकर जबरन एक शेख के यहां काम पर भेजने लगी।

आरोप है कि उनकी पत्नी का मानसिक व शारीरिक शोषण किया गया। ये जानकारी खुद पत्नी ने फोन करके दी थी। तब राजमिस्त्री ने कर्नलगंज थाने में मुकदमा लिखाया था। पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उनसे पूछताछ में उन्नाव व कानपुर नगर की कुल 20 महिलाओं को ओमान, सऊदी अरब, कतर व कुवैत आदि देशों में भेजे जाने की जानकारी मिली थी।

क्राइम ब्रांच टीम ने ओमान में फंसीं राजमिस्त्री की पत्नी समेत दो महिलाओं को वापस लाने के लिए वहां मस्कट स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। दूतावास ने महिलाओं मुक्त कराया था। पुलिस उपायुक्त क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पीडि़ताओं को भारत भेजने के लिए भारतीय दूतावास ने टिकट संबंधी औपचारिकता पूरी करा ली है। दोनों महिलाएं मस्कट से चेन्नई पहुंचेंगी और वहां से कानपुर आएंगी। यहां पहुंचने पर पूछताछ करके कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।

मां ओमान में रहकर तो बेटा उन्नाव से चलाता धोखे का धंधा

महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर खाड़ी देशों में भेजने के मामले में मां-बेटे का नाम सामने आया है। मां ओमान में रहकर महिलाओं का सौदा करती है, जबकि बेटा जिले की कांशीराम कॉलोनी में ही रहकर महिलाओं को प्रलोभन देकर बाहर भेजने का काम करता है। राजमिस्त्री की पत्नी को जाल में फंसाने वाले यह मां-बेटे ही थे।