आखिर एसी में बैठकर क्यों जारी किए जाते हैं तुगलकी फरमान, क्या परिषदीय शिक्षकों को समझ लिया है भगवान
सरकार के रोज-रोज आने वाले तुगलकी फरमान शिक्षकों के लिए उलझन और बेचैनी का सबब बनते जा रहें हैं। इस बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जो फरमान जारी किया है उसके मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न और उसके अगले दिन पड़ने वाला चेहल्लुम जो हजरत इमाम हुसैन का चालीसवें का दिन होता है को स्कूलों में ही मनाया जाएगा।

- परिषदीय शिक्षक स्कूल में ही मनाएंगे चेहल्लुम और जन्माष्टमी का त्योहार
राजेश कटियार, कानपुर देहात। सरकार के रोज-रोज आने वाले तुगलकी फरमान शिक्षकों के लिए उलझन और बेचैनी का सबब बनते जा रहें हैं। इस बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जो फरमान जारी किया है उसके मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न और उसके अगले दिन पड़ने वाला चेहल्लुम जो हजरत इमाम हुसैन का चालीसवें का दिन होता है को स्कूलों में ही मनाया जाएगा। तुगलकी फरमान के मुताबिक परिषदीय स्कूलों में जन्माष्टमी वाले दिन ग्रीन स्कूल मुहिम और चेहल्लुम के दिन स्वच्छता प्रतिभाग दिवस मनाया जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जारी आदेश में कहा है कि सभी परिषदीय स्कूलों में 1 सितंबर से 15 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जाएगा जिसके तहत 1 सितंबर को स्वच्छता शपथ दिवस, 2 और 3 सितंबर को स्वच्छता जागरूकता दिवस, 4 व 5 सितंबर को सामुदायिक सहभागिता,6 सितंबर को ग्रीन स्कूल मुहिम, 7 व 8 सितंबर को स्वच्छता प्रतिभाग दिवस, 9 व 10 सितंबर को हाथ धुलाई दिवस,11 सितंबर को व्यक्तिगत स्वच्छता दिवस,12 सितंबर को स्वच्छ विद्यालय प्रदर्शनी दिवस, 13 व 14 सितंबर को स्वच्छता कार्यकलाप दिवस और 15 सितंबर को पुरस्कार वितरण दिवस मनाया जाना है।
बतातें चलें कि 6 सितंबर बुधवार को पहले से ही जन्माष्टमी की छुट्टी घोषित थी उस दिन शिक्षक स्कूल में ग्रीन स्कूल मुहिम को आगे बढ़ाएंगे और 7 सितंबर गुरुवार को चेहल्लुम की छुट्टी थी। महानिदेशक के तुगलकी फरमान के मुताबिक उस दिन स्कूलों में स्वच्छता प्रतिभाग दिवस मनाया जाएगा।
रविवार की छुट्टी भी हुई गोल-
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने स्वच्छता पखवारा का जो शेड्यूल जारी किया है। उसमें दो रविवार भी लपेट लिए गए हैं। 3 सितंबर को रविवार है लेकिन उस दिन स्कूलों में स्वच्छता जागरूकता दिवस मनाया जाएगा। उसके बाद 10 सितंबर को दूसरा रविवार है लेकिन उस दिन भी स्कूल खोल कर हाथ धुलाई दिवस मनाया जाना है। अधिकारियों ने शिक्षकों को भगवान समझ लिया है जो मर्जी आता है वह कार्य सौंप देते हैं। एसी में बैठ कर अधिकारी बेतुके फरमान जारी करते रहते हैं।