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रूरा की बिटिया अक्षिता त्रिवेदी ने रचा इतिहास, बनीं आईएएस

नगर पंचायत रूरा की एक साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली बेटी अक्षिता त्रिवेदी ने अपनी असाधारण प्रतिभा और अटूट संकल्प के दम पर देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है।

Story Highlights
  • संघर्षों को मात देकर स्वर्णिम सफलता, पिता हैं बार एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष

कानपुर देहात: नगर पंचायत रूरा की एक साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली बेटी अक्षिता त्रिवेदी ने अपनी असाधारण प्रतिभा और अटूट संकल्प के दम पर देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। उनकी इस शानदार उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे कानपुर देहात जनपद को गर्व से भर दिया है।

अक्षिता त्रिवेदी, अधिवक्ता प्रदीप त्रिवेदी की सुपुत्री हैं, जिन्होंने एकीकृत बार एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। प्रदीप त्रिवेदी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वे मूल रूप से एक साधन विहीन गांव गढ़वा के रहने वाले हैं और वर्तमान में नगर पंचायत रूरा के पालीवाल नगर में निवास करते हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।

जैसे ही यूपीएससी का परीक्षा परिणाम सामने आया, अक्षिता की सफलता की खबर पूरे क्षेत्र में बिजली की तरह फैल गई। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। शुभचिंतकों ने व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं अर्पित कीं, जबकि दूर-दराज के मित्रों और स्नेहीजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई संदेशों की झड़ी लगा दी और अक्षिता को उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया।

अक्षिता की इस ऐतिहासिक सफलता पर स्थानीय लोगों ने अपार हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अक्षिता ने अपनी मेहनत और लगन से कानपुर देहात जनपद का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। अक्षिता की कहानी संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक गाथा है।

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Author: aman yatra


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