कभी भी जारी हुआ हो भर्ती विज्ञापन अगर नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के बाद मिली है तो नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन
उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने से योगी सरकार ने साफ इनकार कर दिया है। इसको लेकर सरकार का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना के मुकाबले नई पेंशन योजना ज्यादा फायदेमंद है।
लखनऊ/ कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने से योगी सरकार ने साफ इनकार कर दिया है। इसको लेकर सरकार का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना के मुकाबले नई पेंशन योजना ज्यादा फायदेमंद है। इस वजह से पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाएगी इतना ही नहीं 1 अप्रैल 2005 से पहले जारी विज्ञापनों पर भी जिन्हें नौकरी मिली है उनको भी पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा था कि वर्ष 2005 से पहले जारी विज्ञापन के तहत चयनित कमचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ पाने का हकदार हैं लेकिन केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पत्र के बाद राज्य सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। नियुक्ति विभाग ने कहा है कि एक अप्रैल 2005 से पहले के विज्ञापन पर जिन्हें भी नौकरी मिली है वे नई पेंशन पाने के हकदार होंगे पुरानी पेंशन के नहीं। उन्हें पुरानी पेंशन किसी भी हाल में नहीं दी जा सकती है। केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने तीन मार्च 2023 को राज्यों को पत्र भेजा था। इसमें केंद्रीय सेवा के कर्मियों के लिए एक अप्रैल 2005 से पहले निकले विज्ञापन के आधार पर बाद में भर्ती होने वालों को पुरानी पेंशन देने की बात कही गई थी। इसके आधार पर राज्य अगर चाहे तो वित्तीय स्थिति का आकलन करते हुए विचार कर सकता है। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा और उच्चतर न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारियों ने इस संबंध में नियुक्ति विभाग को जिनकी भर्ती की विज्ञप्ति नेशनल पेंशन स्कीम अधिसूचना के दिनांक के पूर्व जारी हुई थी उनको पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में पत्र भेजा था। नियुक्ति विभाग ने इस पर स्थिति साफ कर दी है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के संबंध में लागू की गई व्यवस्थाओं को राज्य सरकार अपने यहां शत-प्रतिशत लागू करने के लिए बाध्य नहीं है। राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधानों को ध्यान में रखते हुए फैसले लेता है। राज्य के वित्त विभाग ने 28 मार्च 2005 और 16 अप्रैल 2019 को जारी अधिसूचना में यह प्रावधान किया गया है कि एक अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यग्रहण करने वाले कर्मी नई पेंशन योजना में आएंगे। इसलिए साफ है कि ऐसे कर्मियों को नई पेंशन ही मिलेगी। आदेश जारी होते ही ऐसे शिक्षकों में मायूसी छा गई है जिनका विज्ञापन तो 2005 के पहले निकला था लेकिन उनकी नियुक्ति 2005 के बाद हुई थी।