छुट्टी पर घर आये फौजी की हुई मौत, रेजीमेंट टोली ने पैतृक गांव पहुँचकर दी सलामी
ड्यूटी से छुट्टी पर घर आये फौजी की गुरुवार को घर में हालत बिगड़ गई यह देख परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान एक दिन बाद फौजी ने दम तोड़ दिया जिसके बाद घर में कोहराम मच गया,मृतक फौजी के शव का पैतृक गांव में रेजीमेंट की शस्त्र टोली व ग्रामीणों पुलिस प्रशासन ने नम आंखों से श्रदांजलि अर्पित करते सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अमन यात्रा , रसूलाबाद। ड्यूटी से छुट्टी पर घर आये फौजी की गुरुवार को घर में हालत बिगड़ गई यह देख परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान एक दिन बाद फौजी ने दम तोड़ दिया जिसके बाद घर में कोहराम मच गया,मृतक फौजी के शव का पैतृक गांव में रेजीमेंट की शस्त्र टोली व ग्रामीणों पुलिस प्रशासन ने नम आंखों से श्रदांजलि अर्पित करते सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद कोतवाली क्षेत्र के टिपटिया के मजरा बुलबुलियनपुरवा गांव निवासी बृजेंद्र पाल (42) पुत्र प्रेमलाल पाल 2003 में फौज में भर्ती हुए थे तब से बराबर वह देश की सेवा कर रहे थे वर्तमान में इनकी तैनाती लेह लद्दाख में थी होली की 20 दिन छुट्टी लेकर यह घर पर आए हुए थे और कानपुर के पनकी सुंदर नगर में अपने परिवार के साथ होली का पर्व मना रहे थे तभी गुरुवार को इनके पेट में अचानक से दर्द शुरू हो गया तो परिजनों ने इनको सेवन एयरफोर्स कानपुर के हॉस्पिटल में एडमिट कराया जहां पर इनका उपचार चल रहा था शुक्रवार देर रात इन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया जिससे कोहराम मच गया।
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सूचना पर रेजीमेंट की टीम हॉस्पिटल पहुंची और इनको वहां से राष्ट्रीय ध्वज में लपेट कर इनका शव शनिवार सुबह पैतृक गांव बुलबुलियनपुरवा लेकर पहुंची जहां पर गांव सहित पूरे क्षेत्र में गमहीन का माहौल छा गया। शहीद फौजी का शव देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। शहीद की पत्नी सुषमा देवी बच्चें सोनम, लाड़ो,अंकुश माँ कमला देवी शहीद ग्रामीणों का रो रो कर बुरा हाल था। रसूलाबाद उपजिलाधिकारी नीलिमा सिंह यादव, तहसीलदार राजकुमार,सीओ आशापाल सिंह, कोतवाल अंजनी कुमार मिश्रा सहित अन्य लोगों ने भी पहुचकर शहीद फौजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। शाहिद की रेजीमेंट की टोली ने शोक शस्त्र की कार्यवाही कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सलामी देकर गांव के बाहर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया अंतिम संस्कार में भी हजारों लोग मौजूद रहे।
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