ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण ने नौसैनिक युद्धपोत चेन्नई को बनाया और भी घातक
नौसैनिक युद्धपोत पर तैनात यह मिसाइल एक प्रमुख संहारक प्रक्षेपास्त्र के तौर पर सतह से सतह पर वार के किसी भी कठिन मिशन को अंजाम दे सकती है.

नई दिल्ली: सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस के नौसैनिक संस्करण का रविवार सुबह अरब में सफल परीक्षण किया गया. परीक्षण के दौरान भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित विध्वंसक पोत आईएनएस चेन्नई से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल ने अरब सागर में निर्धारित लक्ष्य को अचूक प्रहार से ध्वस्त कर दिया.
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस के महानिदेशक डॉ सुधीर मिश्रा के मुताबिक नौसैनिक युद्धपोत पर तैनात यह मिसाइल एक प्रमुख संहारक प्रक्षेपास्त्र के तौर पर सतह से सतह पर वार के किसी भी कठिन मिशन को अंजाम दे सकती है. इसकी मौजूदगी भारतीय नौसेना के जहाज़ों की विध्वंसक क्षमता में क़ई गुना का इजाफा करती है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुताबिक रविवार को हुए परीक्षण के दौरान मिसाइल ने बेहद जटिल पैंतरों को अंजाम देते हुए पिन-पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया. इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी.

भारतीय नौसेना ने 21 नवंबर, 2016 को आईएनएस चेन्नई के अपने बेड़े में शामिल किया था. करीब 7,500 टन के इस युद्धपोत में 8 8-सेल वर्टिकल लॉन्च सिस्टम में कुल 16 ब्रह्मोस मिसाइलें ले जाने की उन्नत क्षमता है.
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल में 2.8 मैक की ऊंची रफ्तार के साथ महज़ 10 मीटर की क्रूज़ ऊंचाई पर जाकर वार कर सकती हैं. ब्रह्मोस की मौजूदगी भारतीय नौसैनिक युद्धपोत को एक बेहद घातक जहाज़ बना देती है.
जमीन, आसमान और नौसैनिक संस्करणों वाली ब्राह्मोस एक बहुगुण प्रक्षेपास्त्र है. इसे भारत और रूस ने संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया है. इसे 2005 से भारतीय नौसेना के साथ सेवा में तैनात किया गया है.
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