गौशालाओं में निराश्रित गोवंशों का संरक्षण प्राथमिकता, लापरवाही पर होगी कार्रवाई: सीडीओ
जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन० ने कलेक्ट्रेट के माँ मुक्तेश्वरी देवी सभागार में निराश्रित गोवंश संरक्षण, ग्रीष्म ऋतु में गोवंशों की सुरक्षा, सहभागिता योजना, नोडल अधिकारियों के निरीक्षण और गोआश्रय स्थलों के संचालन को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।

कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन० ने कलेक्ट्रेट के माँ मुक्तेश्वरी देवी सभागार में निराश्रित गोवंश संरक्षण, ग्रीष्म ऋतु में गोवंशों की सुरक्षा, सहभागिता योजना, नोडल अधिकारियों के निरीक्षण और गोआश्रय स्थलों के संचालन को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की।
अभियान चलाकर गोवंशों को गौशालाओं में संरक्षित करें, समय से भेजें भरण-पोषण की मांग
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी और सभी खंड विकास अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे एक विशेष अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों को तत्काल गौशालाओं में संरक्षित कराएं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों की संख्या के अनुसार उनके भरण-पोषण की मांग समय से भेजी जाए। यदि गौशाला में मौजूद गोवंशों की संख्या और भेजे गए मांग पत्र में अंतर पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रीष्म ऋतु में गोवंशों के बचाव के लिए तत्काल करें तिरपाल की व्यवस्था
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी गौशालाओं में ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए गोवंशों के बचाव के लिए आश्रय स्थलों के चारों ओर तिरपाल की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करने के आदेश दिए। उन्होंने बीमार गोवंशों पर विशेष ध्यान देने और उन्हें अलग स्थान पर रखकर उनके उचित इलाज की व्यवस्था करने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, निर्माणाधीन गौशालाओं के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि पशुओं के भरण-पोषण के लिए गौशालाओं में पर्याप्त मात्रा में भूसा, चूनी, चोकर और पशु आहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
नोडल अधिकारी करें नियमित निरीक्षण, कमियों को तत्काल कराएं दुरुस्त
मुख्य विकास अधिकारी ने नोडल अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण की समीक्षा करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को संबंधित गौशालाओं में पाई गई कमियों को तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण करें और निरीक्षण के दौरान पाई गई किसी भी कमी को तुरंत मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराएं, ताकि उन्हें समय पर दूर किया जा सके।
सहभागिता योजना का करें व्यापक प्रचार-प्रसार, लाभार्थियों को डीबीटी से करें भुगतान
सहभागिता योजना के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इस योजना का क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने बताया कि सुपुर्द किए गए गोवंश के भरण-पोषण के लिए लाभार्थियों को निर्धारित धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में (डीबीटी) हस्तांतरित की जाएगी। सहभागिता योजना के अंतर्गत एक लाभार्थी अधिकतम चार गोवंशों को सुपुर्दगी में ले सकता है। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को सुपुर्दगी में दिए जाने से उनके भरण-पोषण की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी और उनके स्वास्थ्य तथा उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी, जिससे गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के प्रबंधन और संरक्षण पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने इच्छुक लाभार्थियों द्वारा गोआश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश को चिन्हित किए जाने के उपरांत तत्काल संबंधित गोवंश को सुपुर्द करने के निर्देश दिए।
बैठक में डीसी० एन०आर०एल०एम० गंगाराम, उपायुक्त श्रोरम रोजगार गजेन्द्र तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सुबोध कुमार, समस्त खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और नोडल अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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