घाटमपुर ITI में निर्माण कार्य में खामियां: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह का औचक निरीक्षण, कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), घाटमपुर में निर्माणाधीन नई कार्यशाला और इसके उन्नयन कार्य का औचक निरीक्षण किया।

कानपुर नगर: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), घाटमपुर में निर्माणाधीन नई कार्यशाला और इसके उन्नयन कार्य का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं, जिन पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताते हुए तत्काल सुधार और कार्रवाई के निर्देश दिए।
“परियोजना बोर्ड से लेकर रास्ते तक में लापरवाही”
निरीक्षण में पाया गया कि परियोजना से संबंधित बोर्ड मानक से बहुत छोटा था और आनन-फानन में लगाया गया प्रतीत हुआ। बोर्ड पर परियोजना की पूरी जानकारी भी अंकित नहीं थी। मुख्य भवन में दिव्यांगों के लिए बनाया गया व्हीलचेयर रास्ता बेहद संकरा मिला, जिसे मोड़ना असंभव था। जिलाधिकारी ने इसे तुरंत चौड़ा करने और घुमावदार बनाने के निर्देश दिए।
“विद्युत तारों की गुणवत्ता पर सवाल, जांच के आदेश”
विद्युत सप्लाई की तारों की जांच में कॉपर तारों की क्वालिटी निम्न स्तर की पाई गई। जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए तारों का सैंपल लेकर लैब में जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रथम तल पर निर्माणाधीन ममटी और पिलर में सीमेंट के साथ पान मसाले के पैकेट और लकड़ी के टुकड़े भरे मिले, जबकि सरिया की गुणवत्ता भी घटिया थी।
“शटर की हालत खराब, जिम्मेदारों पर गिरी गाज”
निर्माणाधीन कार्यशाला में लगे शटर जंग और धूल से भरे मिले, जो उनकी खराब स्थिति को दर्शाते थे। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित एपीएम आर.के. गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही, उनके द्वारा किए गए अन्य कार्यों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
“लापरवाही बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई”
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा, “निर्माण कार्य में किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। सरकारी मानकों का पालन न करने वाली संस्था या अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि गुणवत्ता से समझौता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
“निर्माण में सुधार और पारदर्शिता पर जोर”
इस औचक निरीक्षण से निर्माण कार्य में व्याप्त कमियों को उजागर करने के साथ-साथ जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करने की दिशा में कदम उठाया गया। जिलाधिकारी के निर्देशों से जहां सुधार की उम्मीद जगी है, वहीं यह भी संदेश गया कि प्रशासन गुणवत्तापूर्ण कार्य के प्रति गंभीर है।
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