निलंबित शिक्षक भी कर सकेंगे अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में आवेदन
वर्षों से स्थानांतरण की राह देख रहे शिक्षकों के लिए एक और बहुत बड़ी खुशखबरी है। ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका जो वर्तमान में निलम्बित हैं, को अर्न्तजनपदीय स्थानान्तरण प्रक्रिया में आवेदन करने से वंचित नहीं किया जायेगा तथा ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका को यदि स्थानान्तरण का लाभ प्राप्त होता है तो उनके विरूद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त होने के पश्चात कार्यमुक्त किया जायेगा।

- मेडिकल प्रमाणपत्र अगर निकला फर्जी तो शिक्षक का नहीं होगा तबादला
लखनऊ/ कानपुर देहात। वर्षों से स्थानांतरण की राह देख रहे शिक्षकों के लिए एक और बहुत बड़ी खुशखबरी है। ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका जो वर्तमान में निलम्बित हैं, को अर्न्तजनपदीय स्थानान्तरण प्रक्रिया में आवेदन करने से वंचित नहीं किया जायेगा तथा ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका को यदि स्थानान्तरण का लाभ प्राप्त होता है तो उनके विरूद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त होने के पश्चात कार्यमुक्त किया जायेगा।
असाध्य या गम्भीर रोग से ग्रसित शिक्षक एवं शिक्षिका को स्वंय / पति या पत्नी / अविवाहित पुत्र/पुत्री ) के होने पर ही लाभ देय होगा। माता पिता के असाध्य रोग से ग्रसित होने पर उसका लाभ नहीं मिलेगा। जिले में अंतरजनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। अध्यापक आवदेन कर रहे हैं। अगर अध्यापकों का मेडिकल फर्जी निकला तो उनका स्थानांतरण फंस जाएगा। चिकित्सकों का पैनल मेडिकल की जांच करेगा। स्थानांतरण की चाहत में अगर अध्यापक ने बीमारी का मेडिकल फर्जी लगाया होगा तो सत्यापन के बाद पकड़ में आने पर अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही होगी। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए कुछ अध्यापक गम्भीर बीमारी का फर्जी मेडिकल लगाते हैं।अध्यापकों के मेडिकल का सत्यापन होगा। मेडिकल के सत्यापन के लिए तीन डाक्टरों का पैनल बनेगा। पैनल बीमारी के मेडिकल का सत्यापन करेगा।
असाध्य या गम्भीर रोग-
1- समस्त प्रकार के कैंसर।
2- समस्त प्रकार के हृदय रोग।
3- डायलिसिस और गुर्दा प्रत्यारोपण सहित समस्त प्रकार के गुर्दा रोग।
4- दीर्घकालीन यकृत रोग और यकृत प्रत्यारोपण।
5- यकृत संरक्षा प्रक्रिया और तात्कालिक उपचार हेतु आवश्यक बचाव सर्जरी।
6- अल्पकालिक अत्यन्त गंभीर यकृत रोग।
7- घुटने और कूल्हे का बदलाव।
8- प्रोस्टेट ग्लैण्ड सर्जरी।
9- कार्निया प्रत्यारोपण।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने कहा कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए अध्यापक द्वारा दिए गए बीमारी के मेडिकल का सत्यापन 3 चिकित्सकों की टीम करेंगी। अगर मेडिकल फर्जी निकला तो अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही होगी।