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भ्रष्टाचार है पांव पसारे मेरे देश में, घर-घर में है बैठा हर एक भेष में : रामसेवक वर्मा

उत्तर प्रदेश साहित्य सभा कानपुर देहात इकाई द्वारा स्थानीय नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज में विगत रात्रि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस मौके पर कवि सम्मेलन के आयोजक राजकुमार शर्मा "स्नेही' की काव्य कृति 'प्रेरणा प्रवाह' का विमोचन शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने किया।

Story Highlights
  • शाहजहांपुर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हुआ संपन्न
  • आयोजक राजकुमार शर्मा "स्नेही' की काव्य कृति 'प्रेरणा प्रवाह' का विमोचन शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने किया

अमन यात्रा, पुखरायां। उत्तर प्रदेश साहित्य सभा कानपुर देहात इकाई द्वारा स्थानीय नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज में विगत रात्रि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस मौके पर कवि सम्मेलन के आयोजक राजकुमार शर्मा “स्नेही’ की काव्य कृति ‘प्रेरणा प्रवाह’ का विमोचन शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने किया। सरस्वती वंदना श्रीमती रजनी त्रिपाठी ने पढ़ी। । कार्यक्रम की अध्यक्षता महेश मंगल एवं संचालन हरनाथ सिंह चौहान ने किया।

काव्य पाठ के चलते हुए सम्मानित गीतकार रामसेवक

वरिष्ठ कवि महेश मंगल ने अपना काव्य पाठ करते हुए सुनाया- कविता होती है महामंत्र, कविता जीवन का दर्शन है।

सत्यम शिवम सुंदरम का होता,  अनुपम आकर्षण है।

हरनाथ सिंह चौहान ने अपनी कविता में सुनाया-

वह बोली इतिहास यहां पर मैं भी  सकती हूं ।

नारि अस्मिता के दुश्मन की छाती पर चढ़ सकती हूं ।

कानपुर की कवियत्री शिखा मिश्रा ने अपना गीत सुनाते हुए कहा-

ये बातों से बातें बना जो रहे हो ।

जरा साफ कर दो छुपा जो रहे हो ।

गीतकार राजकुमार भरत ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

लिखा क्या आप पर, कविता बाला सी खूबसूरत है।

प्रलय के ग्रंथ में आप, सार गर्वित सी जरूरत है।।

कवि संजीव कुलश्रेष्ठ  ने अपना  करते हुए सुनाया-

सफर के मारे  हुए नींद के सताए हैं।

गमो की गोद में रहकर भी मुस्कुराए हैं।

कोई हमदर्द  चुभन को जरूर समझेगा,

बस इसी आस में हम इतनी दूर आए हैं।

रामसेवक वर्मा ने अपनी रचना पढ़ते हुए सुनाया-

भ्रष्टाचार है पांव पसारे मेरे देश में।

घर-घर में है बैठा हर एक भेष में।

त्रिभुवन कुलश्रेष्ठ ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

केवल उपदेशक बन जग में जीना अधिकार लगा।

देश प्रेम परिपाटी पर मर मिटना अधिकार लगा।

श्रीमती रजनी त्रिपाठी ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

मुझको पत्थर बना कर ठोकर खुद ही खाने लगे।

तोड़ना मुझको ही चाहा मगर जख्म खुद ही लगे।

इस मौके पर नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राम आसरे कटि कटियार, रमेश चंद्र यादव, वीके मिश्रा, पिंटू शर्मा. हरगोविंद सिंह, अनुराग शर्मा, रामचंद्र गुप्ता, शिशिर शर्मा, पंडित श्रीकांत द्विवेदी, मंजू शर्मा, रेनू शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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