परिषदीय विद्यालयों के समय में परिवर्तन करने को लेकर उठने लगी आवाज
भीषण गर्मी के दृष्टिगत विद्यालय के समय में परिवर्तन करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से लेकर महानिदेशक तक को ज्ञापन सौंप रहे हैं, कई जनपदों के शिक्षक संगठन जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंप स्कूल समय में परिवर्तन करने की मांग कर रहे हैं
- महानिदेशक से परिषदीय स्कूलों का समय साढ़े 7 से साढ़े 12 तक करने की मांग
लखनऊ/कानपुर देहात। भीषण गर्मी के दृष्टिगत विद्यालय के समय में परिवर्तन करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से लेकर महानिदेशक तक को ज्ञापन सौंप रहे हैं, कई जनपदों के शिक्षक संगठन जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंप स्कूल समय में परिवर्तन करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि अप्रैल माह आरम्भ होते ही गर्मी प्रचण्ड रूप धारण करती जा रही है। आए दिन गर्मी और उमस से बच्चे बेहोश हो जा रहे हैं। विद्यालय समय से असंतुष्ट अभिभावक भी बच्चों को विद्यालय भेजने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में समय परिवर्तन किया जाना अति आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कोरोना काल के बाद परिवर्तित किये गये परिषदीय विद्यालयों के समय संचालन को पूर्ववत करने की मांग की है। पत्र के माध्यम से प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सभी शैक्षणिक संस्थायें बन्द कर दी गयी थीं जिसके कारण शिक्षार्थियों में लर्निंग गैप आ गया था स्थिति सामान्य होने पर इन संस्थाओं का पुनः संचालन प्रारम्भ किया गया तथा उक्त लर्निंग गैप को दूर करने के लिए विद्यालयों के संचालन समय एवं शिक्षण अवधि में वृद्धि कर दी गयी थी। अपेक्षित लक्ष्य प्राप्ति होने के पश्चात अन्य शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन समय बदल कर पूर्ववत कर दिया गया। परन्तु प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों का संचालन समय परिवर्तित नहीं किया गया। उन्होंने अवगत कराया कि माध्यमिक विद्यालयों का संचालन समय वर्तमान में प्रातः 7:50 से 12:50 तक है जबकि परिषदीय विद्यालय जहां 6 से 14 वर्ष के नौनिहाल एवं बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
ग्रीष्म कालीन संचालन समय प्रातः 7:50 से अपरान्ह 2 बजे तक आज भी चल रहा है जबकि पहले यह अवधि प्रातः 8 से 1 बजे तक थी तथा उसके पूर्व में प्रातः 7 से 12 बजे तक ही विद्यालय संचालित होते थे जबकि परिषदीय विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं और उनमें पढ़ने वाले छात्र कम आयु के होते हैं। ग्रीष्मकालीन विषम परिस्थितियों में शिक्षण अवधि अधिक होने के कारण छोटे बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिससे उनकी नियमित उपस्थिति प्रभावित हो जाती है तथा विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ यह मांग करता है कि छात्र हित एवं शिक्षा हित में ग्रीष्मकाल में परिषदीय विद्यालयों का संचालन समय पूर्व की भांति प्रातः 7 से 12 बजे तक कर दिया जाए।