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नए सत्र से आरटीई के तहत अभिभावकों को देना होगा शुल्क, स्कूल संचालकों ने लिया फैसला

हर साल हजारों अभिभावक अपने नौनिहालों के बेहतर भविष्य के लिए आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने के लिए दौड़ लगाते हैं लेकिन उनका यह सपना सरकार की गलत कार्य प्रणाली की वजह से पूरा नहीं हो पाता है। शि

Story Highlights
  • उधार पर शिक्षा का अधिकार 
  • किताब-यूनिफॉर्म के लिए 2019 से नहीं मिली रकम न हुई स्कूलों को फीस की भरपाई
लखनऊ / कानपुर देहात। हर साल हजारों अभिभावक अपने नौनिहालों के बेहतर भविष्य के लिए आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने के लिए दौड़ लगाते हैं लेकिन उनका यह सपना सरकार की गलत कार्य प्रणाली की वजह से पूरा नहीं हो पाता है। शिक्षा का अधिकार के तहत न तो अभिभावकों को बच्चों के यूनिफॉर्म और किताबों के लिए वर्ष 2019 से अब तक धनराशि नहीं मिली है, न ही स्कूलों को वर्ष 2017 या इसके बाद से छात्रों की निर्धारित फीस की भरपाई ही की गई है। कुछ विद्यालयों को आंशिक रूप से ही धनराशि मिली है। सिर्फ कानपुर मंडल के ही 20 हजार बच्चों के अभिभावकों और स्कूलों को फीस के करीब 30 करोड़ से अधिक के बकाए का इंतजार है। आरटीई में प्रवेश के बाद स्कूलों को विभाग 450 रुपये प्रति छात्र प्रति माह (कुल 11 माह) की धनराशि देता है। इसी तरह अभिभावकों को उनके बच्चों के लिए वर्ष में एक बार 5000 रुपये दिया जाता है ताकि वे इससे किताबें और यूनिफॉर्म आदि खरीद सकें। वर्ष 2019 से पहले तक अभिभावकों के खातों में नियमित रूप से धनराशि आ जाती थी। वर्ष 2019 के बाद से यह राशि नहीं आ रही है।
स्कूलों को नहीं मिल पा रही फीस- प्रवेश लेने वाले स्कूलों को 2017 से अब तक नाममात्र ही फीस मिल सकी है। विभाग यही कहता रहा है कि इसका सत्यापन कराया जा रहा है। पता नहीं इनका सत्यापन कितने सालों में पूरा हो पाएगा अगले शैक्षिक सत्र में शासन की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति न मिलने का खामियाजा गरीब अभिभावकों को उठाना पड़ सकता है क्योंकि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि जब तक स्कूलों की शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी तब तक आरटीई के तहत नए बच्चों का प्रवेश नहीं लेंगे और न ही पुराने छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देंगे। उनका कहना है कि सरकार आरटीई अधिनियम का खुला उल्लंघन कर रही है तय मानक के अनुसार शुल्क प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए एवं अभिभावकों को भी प्रतिवर्ष 5000 रूपये की निर्धारित धनराशि प्रदान करनी चाहिए।
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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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