बेसिक और माध्यमिक शिक्षा की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी मानव संपदा पोर्टल हुआ अनिवार्य
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा की तरह अब उच्च शिक्षा में मानव संपदा पोर्टल को अनिवार्य कर दिया गया है। सभी अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों का विवरण एक अक्टूबर तक मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अब तक नहीं किया जा सका है।
प्रयागराज/कानपुर देहात। इस कार्य को महाविद्यालय के कर्मचारी सुचारु रूप से नहीं कर पा रहे हैं इसलिए अब उनको 17 से 21 नवंबर तक आनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। आनलाइन ट्रेनिंग के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय से सभी प्राचार्यों को निर्देश जारी किया गया है। तीन अगस्त को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आदेश दिया था कि एक अक्टूबर तक मानव संपदा पोर्टल पर सभी कर्मचारियों का डाटा फीड कर दिया जाय। उनके बाद उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने सभी कालेजों को मुख्य सचिव के आदेश का पालन करने के लिए 25 अगस्त को पत्र जारी किया था।
उसी दौरान निदेशालय में मानव संपदा पोर्टल पर डाटा फीडिंग का काम शुरू हो गया था। पोर्टल पर सभी कर्मियों की सेवा पुस्तिका, स्थानांतरण, अवकाश, सेवानिवृत्ति, वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट, वेतन आदि का विवरण एक अक्टूबर तक फीड करना था लेकिन कई कालेजों ने डाटा फीडिंग में लापरवाही बरती।निदेशालय से चेतावनी दिए जाने के बाद भी निर्धारित समय पर कार्य पूरा नहीं हुआ है। जनवरी 2024 से सभी का वेतन पोर्टल के माध्यम से बनना है। ऐसे में 27 अक्टूबर को समीक्षा की गई तो पता चला कि महाविद्यालयों में इस कार्य के लिए जो कर्मचारी लगाए गए हैं वह ठीक से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में उन्हें अब ट्रेनिंग दी जाएगी। संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डा. केसी वर्मा ने बताया कि 17 नवंबर को दोपहर दो बजे से आगरा, बरेली और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले कालेजों के प्राचार्यों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 20 नवंबर को झांसी, कानपुर, लखनऊ और 21 नवंबर को मेरठ, प्रयागराज / राजकीय पब्लिक लाइब्रेसी, वाराणसी के प्राचार्यों को जूम एप पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।