महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे : प्रधानाध्यापक
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड अमरौधा के प्राथमिक विद्यालय देवराहट में मंगलवार को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया गया।
- देवराहट स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया
ब्रजेन्द्र तिवारी, पुखरायां। भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड अमरौधा के प्राथमिक विद्यालय देवराहट में मंगलवार को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया गया।इस अवसर पर समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के जीवन चरित्र पर भी प्रकाश डाला गया।मंगलवार को अमरौधा विकासखंड के देवराहट स्थित प्राथमिक विद्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत,पिछड़ों,वंचितों और स्त्रियों की शिक्षा के अधिकार के लिए आजीवन संघर्षशील,महान मानवतावादी,महान समाज सुधारक राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले को राष्ट्र के प्रति किए गए योगदानों के लिए उनके परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया गया।इस अवसर पर प्रधानाध्यापक आदित्य राव सुमन ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे,जिन्होंने 1948 में पहली कन्या पाठशाला स्थापित कर अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को देश की प्रथम शिक्षिका के रूप में सेवा करने का मौका दिया तथा वंचित वर्गों के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना कर समाज में व्याप्त कुरीतियों,जाति प्रथा छुआछूत,ढोंग और आडंबर के विरुद्ध आंदोलन चलाकर क्रांतिकारी कार्य किया तथा गुलामगीरी,किसानों का कोड़ा,अछूतों की कैफियत जैसी तमाम पुस्तकें लिखकर समाज को परिवर्तित करने का आजीवन प्रयास किया।इस मौके पर शिक्षक,शिक्षकाऐं सहित छात्र मौजूद रहे।