अच्छे हैं इस देश के बच्चे।सुन्दर प्यारे छोटे सच्चे।।
अच्छे हैं इस देश के बच्चे।
सुन्दर प्यारे छोटे सच्चे।।
रोज सुबह विद्यालय जाते,
अपने गुरु को षीष नवाते।
जाति धर्म का भेद न जानें,
मात-पिता को सब कुछ माने।
संयम के हैं ये पक्के।।
अच्छे हैं इस देष के बच्चे।।1।।
जीवन इनका बड़ा निराला,
करते घर में सदा उजाला।
वैर-भाव को दूर भगाते,
मिलजुल कर हैं राह दिखाते।
लगते हैं ये मन के कच्चे।।
अच्छे हैं इस देष के बच्चे।।2।।
चंचलता से कभी न हारे,
अपनी मॉ के प्राण प्यारे।
प्रेम भरा ससांर है इनका,
मिलता इन्हें दुलार सभी का।
खिलते फूलों से बच्चे।।
अच्छे हैं इस देष के बच्चे।।3।।
सारे जग के सृजन हारे,
भारत के हैं राज दुलारे।
रहते मस्त सदा मतवाले,
मातृभूमि के ये रखवाले।
होते मन के बिल्कुल सच्चे।।
अच्छे हैं इस देष के बच्चे।।4।।
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