गीत
देश प्रेम
देश मांगेगा तो कुर्वानी हम देंगे। तुझपे लुटा अपनी नौजवानी हम देंगे। कुरवानियों के लिए कम नहीं पड़ेंगे। कभी भी पीछे कदम नहीं पड़ेंगे।

देश मांगेगा तो कुर्वानी हम देंगे।
तुझपे लुटा अपनी नौजवानी हम देंगे।
कुरवानियों के लिए कम नहीं पड़ेंगे।
कभी भी पीछे कदम नहीं पड़ेंगे।
रुकने वाला नहीं ये है कारवां।
साथ खड़ा है हर एक नौजवां।
देश प्रेमियों की सुना सबको कहानी हम देंगे।
तुझपे लुटा अपनी नौजवानी हम देंगे।
देश मांगेगा तो……
फिर ना देखे इधर कोई हांथ उठाकर।
वहीं पे बिठा देंगे उन्हे उनकी औकात बताकर।
सरहद पार से आयेंगे जो भी दरिंदे।
बना देंगे उनके लिए मौत के फंदे।
ऐसी सजा उन्हें हिंदुस्तानी हम देंगे।
तुझपे लुटा अपनी नौजवानी हम देंगे।
देश मांगेगा तो ….
तेरे लिए कुछ भी कर जायेंगे।
तेरी हिफाजत करते मर जायेंगे।
जब तक रहेगा दम में दम।
बोलता रहूंगा वंदे मातरम्।
हंसके मिटा तुझपे जिंदगानी हम देंगे।
तुझपे लुटा अपनी नौजवानी हम देंगे।
देश मांगेगा तो कुर्वानी हम देंगे।
गीतकार – अनिल कुमार दोहरे
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