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आयुक्त राजशेखर ने “कचुआ तालाब” का किया निरीक्षण, दिए निर्देश 

पनकी में "कचुआ तालाब" कानपुर के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण जल निकायों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि यह तालाब और शिव मंदिर का इतिहास 350 साल पुराना है। यह "कछुए" के संरक्षण और प्रजनन के लिए भी महत्वपूर्ण जल निकाय है। यह उनके लिए स्थायी जगह है और हजारों छोटे और बड़े कछुओं का प्रजनन करता है।

कानपुर,अमन यात्रा : पनकी में “कचुआ तालाब” कानपुर के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण जल निकायों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि यह तालाब और शिव मंदिर का इतिहास 350 साल पुराना है। यह “कछुए” के संरक्षण और प्रजनन के लिए भी महत्वपूर्ण जल निकाय है। यह उनके लिए स्थायी जगह है और हजारों छोटे और बड़े कछुओं का प्रजनन करता है। लेकिन जलाशयों के बर्बादी , पानी के श्रोतों का सूखना / बंद होना और अन्य मुद्दों के कारण, कछुओं की संख्या कम हो गई है और उनमें से कई पानी की कमी, प्रदूषण आदि के कारण मर गए हैं। इसे देखते हुए, यूपी सरकार ने इस ऐतिहासिक जल निकाय को फिर से जीवंत करने और कछुओं के संरक्षण / प्रजनन के लिए वर्ष 2017 में नगर निगम को रु 2 करोड़ की एक परियोजना को मंजूरी दी। 2017 से 2020 तक, नगर निगम द्वारा अब तक रु 1.7 करोड़ मूल्य के कुछ कार्य कराया हैं। लेकिन फिर भी वांछित उद्देश्यों को पूरा नहीं किया जा सका और जल निकाय का पूरी तरह से कायाकल्प / रेजूवनेट नहीं किया गया था। कई मीडिया घरानों, जनप्रतिनिधियों और पशु प्रेमियों ने भी इस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष उठाया। मंडलायुक्त ने नगर आयुक्त और वीसी केडीए के साथ चर्चा के बाद इस तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य जारी रखने के निर्देश दिए। इसके बाद, निगम ने लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए रु 70 लाख की एक परियोजना को मंजूरी दी। पिछले कुछ दिनों से काम शुरू हो गया है और इसे अगले 3 से 4 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

चल रहे कार्यों निम्नलिखित हैं:

1) दो मीटर गहरे तालाब की खुदाई

2) पर्याप्त रोशनी

3) नए सार्वजनिक शौचालय (एक पुरुष के लिए और एक महिला के लिए)

4) अवशेष टाइलिंग कार्यों को पूरा करना।

आज आयुक्त, कानपुर ने कार्य प्रगति का आकलन करने के लिए नगर आयुक्त और वीसी केडीए के साथ कार्य स्थल का दौरा किया और यह देखने के लिए कि इस जगह का कायाकल्प कैसे कर सकते हैं। मंदिर के पुजारी और देखभाल करने वाले ने आयुक्त को बताया कि यह तालाब ऐतिहासिक है और साल भर पानी (2 से 3 फीट) उपलब्ध रहता है।

आयुक्त द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण अवलोकन के बिंदु और निर्देश हैं:

1) वर्तमान में अभी दो जेसीबी मशीनें काम कर रही हैं।

अगले दो सप्ताह में बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए आयुक्त ने नगर आयुक्त को दो और जेसीबी मशीन लगाकर अगले 10 दिनों में मिट्टी खोदने का काम पूरा करने का निर्देश दिया।

2) परिसर बहुत बड़ा है, और यह खुला है। आगंतुकों की छाया के लिए ज्यादा बड़े पेड़ नहीं हैं।

आयुक्त ने नगर आयुक्त को आने वाले मानसून के मौसम में कम से कम 100 बड़े पेड़ लगाने के लिए कहा ताकि आने वाले वर्षों में इसे हरित पट्टी और छाया प्रदान की जा सके।

3) मंदिर और कचुआ तालाब में आने वाले श्रद्धालुओं की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़े वाटर कूलर की आवश्यकता को देखते हुए, आयुक्त ने नगर आयुक्त को अगले 15 दिनों में एक बड़ा 1000 लीटर वाटर कूलर स्थापित करने के लिए कहा।

4) आयुक्त ने वीसी केडीए को तालाब परिसर में आंतरिक बाउंड्री वॉल की मरम्मत और प्रकृति संरक्षण संदेशों को दर्शाते हुए एक समान रंग और डिजाइन के साथ पेंट करने के लिए कहा।और तालाब क्षेत्र को शिव मंदिर के विपरीत दिशा में अतिरिक्त सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए भी निर्देश दिए।

5) वर्तमान में तालाब में पानी के दो स्रोत हैं। एक बारिश का पानी है और दूसरा सबमर्सिबल पंप है जिसे नगर निगम द्वारा स्थापित किया गया है। नगर निगम को इस तालाब में साल भर 2 मीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आकलन कर और आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि कछुआ प्रजनन कर सके और संख्या में बढ़ सके।

6) आयुक्त ने नगर आयुक्त को कछुआ प्रजाति के विशेषज्ञों से संपर्क करने और तालाब में उपलब्ध कछुओं की संख्या का आकलन करने और आने वाले दिनों में बेहतर संरक्षण रणनीति के साथ कछुओं की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी मदद लेने के लिए भी कहा।

7) आयुक्त ने नगर आयुक्त को शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, भूमि स्केलिंग, वृक्षारोपण कार्यों जैसे चल रहे कार्यों को अगले 3 से 4 महीने में पूरा करने को कहा।

 

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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