अकबरपुर के ऐतिहासिक कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने पूरी रात लगाए ठहाके
अकबरपुर कस्बे की 152 वर्ष पुरानी श्री रामलीला कमेटी द्वारा मंगलवार की रात्रि में लंकापुरी मैदान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया उपरोक्त कवि सम्मेलन में देश तथा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पधारे कवियों ने अपनी हास्य एवं व्यंगात्मक रचनाएं प्रस्तुत करके पूरी रात श्रोताओं को जमकर ठहाके लगवाए

सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात : अकबरपुर कस्बे की 152 वर्ष पुरानी श्री रामलीला कमेटी द्वारा मंगलवार की रात्रि में लंकापुरी मैदान में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया उपरोक्त कवि सम्मेलन में देश तथा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पधारे कवियों ने अपनी हास्य एवं व्यंगात्मक रचनाएं प्रस्तुत करके पूरी रात श्रोताओं को जमकर ठहाके लगवाए. आयोजन का भाजपा जिला अध्यक्ष एमएलसी अविनाश सिंह चौहान ने माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ किया मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद जनपद की जिलाधिकारी नेहा जैन तथा उनके पति धीरज जैन को श्री राम लीला समिति अकबरपुर कानपुर देहात के पदाधिकारियों द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया जिलाधिकारी नेहा जैन को अकबरपुर कस्बे के संतोष मोटर्स की निदेशक ममता ओमर, पारुल तथा शिवांगी ने सम्मानित किया.
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वहीं वरिष्ठ कवियों में हरिओम पवार ,विष्णु सक्सेना ,पद्मनी शर्मा, शशिकांत यादव, दिनेश बावरा ,हेमंत पांडे ,कमलाकांत दीक्षित आदि कवियों का कमेटी के अध्यक्ष सूर्यकांत त्रिपाठी उपाध्यक्ष नीकु गुप्ता, बउआ पांडे, बिट्टू द्विवेदी, आशीष श्रीवास्तव तथा आय-व्यय निरीक्षक अकबरपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन गुड्डन सिंह, मेला प्रभारी श्याम ओमर ,महामंत्री अमित राजपूत, कोषाध्यक्ष गोरे त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य विपिन दीक्षित, रामजी मिश्रा, बबलू कटियार आदि ने सम्मानित किया कवि सम्मेलन का संचालन कवि शशिकांत यादव द्वारा किया गया।
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कवि सम्मेलन की शुरुआत महिला कवि पद्मनी शर्मा गुड़गांव ने मां सरस्वती वंदना से की वही अकबरपुर के कवि कमलाकांत दीक्षित ने राष्ट्र की सुरक्षा व प्रेम से ओत-प्रोत कविताओं से श्रोताओं के बीच समा बांधी कानपुर के हास्य कवि हेमंत पांडे ने अपनी हास्य रचनाएं सुनाकर श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी उधर कवि विष्णु सक्सेना ने अपनी कविता सुनाते हुए कहा कि रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं को श्रोताओं ने जमकर सराहा पद्मनी शर्मा ने विकास पर जुड़ी एक कविता सुना कर दर्शकों के बीच जमकर ठहाके लगवाए जबकि दिनेश बावरा ने अपनी रचनाओं के माध्यम से राजनीति पर कटाक्ष करते हुए श्रोताओं को खूब गुदगुदाया मंच जब से अर्थ दायक हो गए तो चले भी गीत गायक हो गए की पंक्तियां दर्शकों ने खूब सराही वही राजनीति पर गिरते मूल्यों पर भी उन्होंने नेताओं को अपनी रचनाओं के माध्यम से जमकर घेरा मेरठ के हरिओम पवार से यह पंक्तियां सुनाने की मांग उठी मैं भारत का संविधान हूं लाल किले से बोल रहा हूं मेरा अंतर्मन घायल है दिल की गांठे खोल रहा हूं उपरोक्त पंक्तियों को भी उपरोक्त कवि सम्मेलन में मौजूद श्रोताओं ने जमकर सराहा तथा तालियां बजाकर स्वागत किया अकबरपुर के लंकापुरी मैदान में आयोजित उपरोक्त कवि सम्मेलन में श्रोताओं की खूब भीड़ जुटी थी उपरोक्त कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे मध्य प्रदेश के कवि शशिकांत यादव ने भी बीच-बीच में खूब चुटकिया लेकर श्रोताओं को खूब हंसाते तथा गुदगुदाते रहे।
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