‘बजट ने लोगों को मायूस किया, आम जनता के लिए इसमें कुछ नहीं’
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज के बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं. सरकार का दावा है कि ये बजट किसान, युवाओं, महिलाओं को फोकस करने वाला है. वहीं विपक्ष की तरफ से बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया की गई है.

यूनियन बजट 2022: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज के बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं. सरकार का दावा है कि ये बजट किसान, युवाओं, महिलाओं को फोकस करने वाला है. वहीं विपक्ष की तरफ से बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया की गई है. बजट को लेकर किसने क्या कहा, ये आपको बताते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट पर कहा- कोरोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी. बजट ने लोगों को मायूस किया. आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है. महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि Modi सरकार का Zer0 सम बजट!.. वेतनभोगी वर्ग – मध्यम वर्ग – गरीब और वंचित – युवा – किसान – एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये आम आदमी के लिए बजट है. गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग को लाभान्वित करने के लिए. केन बेतवा लिंकिंग परियोजना के लिए 1400 करोड़ रुपये का आवंटन बुंदेलखंड को बदल देगा. इस बजट से किसानों की आय दोगुनी होगी.

चिराग पासवान ने भी आज पेश हुए इस बजट को देश को आगे बढ़ाने वाला बजट बताया है.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये बहुत अच्छा बजट है. ये एक बहुत ही समावेशी बजट है जो गरीबों, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में रहने वाले लोगों सहित समाज के हर वर्ग के हितों का ख्याल रखता है.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों और पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, ये कितना उचित. केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों? केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है. करों की मार लोगों का जीना दुभर किए हुए है. इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास खासकर बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की हो तो बेहतर.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये धोखाधड़ी तब तक जारी रहेगी जब तक कानून लागू नहीं हो जाता. केंद्र सरकार ने पिछले साल तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. इसके बाद भी राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने एसएसपी पर कानून बनाने की मांग की थी. इसके अलावा आंदोलन के दौरान भी किसान नेता एमएसपी का वादा करने की बजाय लगातार सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे थे.

शशि थरूर ने कहा कि बहुत स्पष्ट है कि जहां तक डिजिटल मुद्रा का संबंध है, सरकार उस दिशा में आगे बढ़ रही है. मेरी जानकारी के अनुसार, एक उचित प्रस्ताव, मुझे नहीं लगता कि हम इसकी आलोचना करेंगे. लेकिन हम आम नागरिकों के लिए बजट में सामग्री की कमी के बारे में अधिक चिंतित हैं.

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये एक प्रगतिशील बजट है. सभी वर्गों विशेषकर किसानों, महिलाओं, युवाओं को लाभान्वित करता है. एमएसपी जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं, किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय, युवाओं के लिए 60 लाख रोजगार, मिशन शक्ति जैसे महिला सशक्तिकरण के उपाय हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे.

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों, सभी क्षेत्रों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई और इसके बाद बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया गया. मेरे मंत्रालय में ‘पर्वत माला’ परियोजना की शुरूआत पहाड़ी क्षेत्रों के लिए एक महान उपहार है; रोजगार पैदा करेगा. इस बेहतरीन बजट के लिए वित्त मंत्री का धन्यवाद.

FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि व्यापार के नज़रिए से दो चीज़े कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट महत्वपूर्ण हैं.इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज़्यादा बदलाव नहीं किए. नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए.
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