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अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हुआ संपन्न 

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 149 वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय विवेकानंद राष्ट्रीय इंटर कॉलेज के प्रांगण में सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था प्रज्ञा साहित्य कला मंच के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद सचान एवं संचालन अनूप एम सचान ने किया।

रामसेवक वर्मा, पुखरायांI लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 149 वीं जयंती के अवसर पर स्थानीय विवेकानंद राष्ट्रीय इंटर कॉलेज के प्रांगण में सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था प्रज्ञा साहित्य कला मंच के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद सचान एवं संचालन अनूप एम सचान ने किया l सरस्वती वंदना कवित्री निभा चौधरी ने पढ़ी I

सोनभद्र से आए कवि डॉक्टर कमलेश राजहंस ने अपनी रचना पढ़ते हुए सुनाया-

सत्ता लोलुप राजनीतिक का नहीं घिनौना खेल चाहिए l

लोकतंत्र की कुर्सी पर हमको सरदार पटेल चाहिए l I

इटावा से आए ओज कवि महेश मंगल ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा –

इस वक्त के माहौल में ही शोर चारों ओर है l

उन्माद फैला धर्म का तो जातियों का जोर है l

आजाद होकर क्या मिला है सूचना एकांत में,

हर शाम दहशत से भरी सहमा हुआ हर भोर है I I

ग्वालियर से आए गीतकार राजकिशोर राज ने अपना गीत सुनाते हुए कहा-

रिश्ते नाते गांव नगर, ये नहीं हमारे हैं I

हम बंजारे हैं रे मितवा , हम बंजारे हैं l I

आगरा से आई गीत एवं गजल की सशक्त हस्ताक्षर कवित्री निभा चौधरी ने अपना गीत सुनाते हुए श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी I इस अवसर पर उन्होंने सुनाया-

प्रेम परिकल्पनाओं में परिणाम सा l

एक ही नाम हो घनश्याम सा l

जो मेरे वास्ते लांघते सिंधु में,

मुझको जीत कर खुद बने राम सा I l

बाराबंकी से पधारे कवि विकास बौखल ने अपनी रचना पढ़ते हुए सुनाया-

किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए I

सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए I

यह किसी शख्स को दोबारा ना मिल पाए,

प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए I I

लखनऊ से आई कवियत्री हेम पांडेय ने अपनी गजल पढ़ते हुए सुनाया –

पग महावर लगाया तुम्हारे लिए l

रूप मैंने सजाया तुम्हारे लिए I

सात जन्मों तक तुम हमारे रहो,

चांद को जल चढ़ाया तुम्हारे लिए I l

पुखरायां के कवि एवं गीतकार संजीव कुलश्रेष्ठ ने अपना गीत सुनाते हुए कहा-

रोज सपनों में मेरे, यूं सताते क्यों हो l

जाके आना है तो फिर, आगे जाते क्यों हो l I

कानपुर से आए कुमार सूरज ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

चांदनी रात है वो सितारे लिए I

तट नदी के खड़े हैं सहारे लिए I

सब सलामत रहे ये दुआ कीजिए,

तुम हमारे लिए हम तुम्हारे लिए l I

रायबरेली के कवि नीरज पांडेय ने अपनी रचना सुनते हुए कहा – शक्ति दूत बनने से जब कोई हल नहीं निकलता है l तब मेरी कविता का अक्षर अक्षर आग उगलता है I

इस मौके पर नीरज सचान , पवन कटियार्, ब्रह्म प्रकाश सचान,डॉ राहुल सचान, अशोक मिश्रा, इंद्र कुमार सचान, जितेंद्र सिंह सचान (गौरव मेडिकल स्टोर) , महेश चंद्र ‘गांधी’, गोविंद सचान, मोहित कटियार, कपिल सचान, कमला सचान,अमर राखी कुलश्रेष्ठ आदि लोग मौजूद रहे l

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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