कानपुर
अजब प्रेम की गजब कहानी: कानपुर में दरियाई घोड़ा पिता-पुत्र की दास्तां आंखें कर देती है नम
कानपुर के दरियाई घोड़ा विष्णु को गोरखपुर जू भेजा जाना था। बाड़े की लक्ष्मी के जाने के बाद से विष्णु बेटे जय से बिछड़ने को लेकर संशकित था। चिड़ियाघर कर्मियों ने पिंजड़ा लगाकर तीन दिन इंतजार किया लेकिन उनकी हरकतों से सभी की आंखें नम और दिल भावुक हो गए।
