कानपुर देहात

अटेवा ने शुरु किया सदस्यता एवं पेंशन जागरुकता अभियान

ऑल टीचर्स/ इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा के बैनर तले 15 जुलाई से संगठन का सदस्यता एवं पेंशन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। देश में सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग पुरानी पेंशन योजना रही है जिसने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। ऑल टीचर्स/ इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा के बैनर तले 15 जुलाई से संगठन का सदस्यता एवं पेंशन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। देश में सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग पुरानी पेंशन योजना रही है जिसने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। हालांकि कुछ वर्षों पहले नई पेंशन योजना के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता और चिंता बढ़ गई है। इस स्थिति में अटेवा ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए जोरदार अभियान छेड़ा है और इसके सदस्यता अभियान को गति देने की आवश्यकता जाहिर की गई है।

अटेवा की भूमिका और अभियान का महत्व- 

अटेवा एक ऐसा संगठन है जो सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लगातार संघर्षरत है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है। अटेवा का सदस्यता अभियान इस आंदोलन को और भी व्यापक और सशक्त बना सकता है।

सदस्यता अभियान क्यों है जरूरी- 

संगठन की मजबूती-

अधिक सदस्यता से अटेवा की ताकत और प्रभावशीलता बढ़ेगी। जब एक बड़ी संख्या में कर्मचारी एक मंच पर आएंगे तो उनकी आवाज को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा।

सामूहिक प्रयास-

सदस्यता अभियान से कर्मचारियों में एकजुटता की भावना बढ़ेगी। सामूहिक प्रयासों से ही सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है कि सरकार पुरानी पेंशन बहाल करें।

जन जागरूकता-

यह अभियान लोगों को पुरानी पेंशन योजना के फायदों और नई पेंशन योजना के नुकसान के बारे में जागरूक करेगा। जब लोग सही जानकारी से लैस होंगे तो वे सही निर्णय ले सकेंगे।

अभियान को सफल बनाने के उपाय-

संपर्क और संवाद-

अटेवा को अपने सदस्यता अभियान के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों और कर्मचारियों से व्यक्तिगत और सामूहिक संपर्क साधना होगा। संवाद और बैठकों के माध्यम से उनके मुद्दों को समझकर समाधान निकालने का प्रयास करना होगा।

सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म-

आज के युग में सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम है। अटेवा को अपने अभियान को सोशल मीडिया, वेबसाइट और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रचारित करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकें।

रैलियाँ और विरोध प्रदर्शन-

अटेवा को नियमित रूप से रैलियाँ, धरने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने चाहिए ताकि सरकार तक उनकी आवाज पहुँचे।

विशेषज्ञों का सहयोग-

आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के विशेषज्ञों से परामर्श लेना और उनके सुझावों को अपनाना भी इस अभियान को मजबूत बना सकता है।

कलाकारों का सहयोग-

अटेवा सदस्यता अभियान एवं पुरानी पेंशन बहाली के लिए कलाकारों का सहयोग अति आवश्यक है कला संगीत साहित्य के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने में प्रबलता मिलती है।

सदस्यता अभियान- 

अटेवा का सदस्यता अभियान पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को और भी मजबूत और व्यापक बना सकता है। इससे न केवल सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि उनकी सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह आवश्यक है कि सभी संबंधित कर्मचारी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसे सफल बनाएं तभी वे एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।

सदस्यता अभियान 15 जुलाई से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलेगा। अभियान की सफलता को लेकर कानपुर देहात जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में सभी कर्मचारियों का अपार समर्थन मिल रहा है। इस बार बड़ी तादाद में सदस्य जोड़ने का अभियान चल रहा है। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों के लोगों को जोड़ा जा रहा है।

Author: aman yatra

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