सावधान! अटैचमेंट शिक्षकों की कुंडली खंगाल रहा विभाग
अब बीआरसी व बीएसए कार्यालय पर अटैचमेंट करके नौकरी कर रहे शिक्षकों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ेगा। महानिदेशक ने अटैचमेंट को खत्म करने के निर्देश प्रदेश के समस्त बीएसए को जारी किए हैं। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की संबद्धता पर रोक के बावजूद 414 शिक्षक दूसरे विद्यालयों या कार्यालयों से संबद्ध हैं।
- अटैंचमेंट पर चल रहे शिक्षकों को हटाने का फरमान जारी
- किस अधिकारी के आदेश पर शिक्षकों शिक्षामित्रों अनुदेशकों को किया गया है संबद्ध, बीएसए को देना होगा जवाब
- विद्यालय से इतर सम्बद्ध शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त करते हुए सूचना प्रेषित करने के दिए गए निर्देश
- लगातार आदेशों के बाद भी अपना स्कूल छोड़कर दूसरी जगह तैनात हैं 414 शिक्षक
- महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जताई नाराजगी
कानपुर देहात, अमन यात्रा : अब बीआरसी व बीएसए कार्यालय पर अटैचमेंट करके नौकरी कर रहे शिक्षकों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ेगा। महानिदेशक ने अटैचमेंट को खत्म करने के निर्देश प्रदेश के समस्त बीएसए को जारी किए हैं। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की संबद्धता पर रोक के बावजूद 414 शिक्षक दूसरे विद्यालयों या कार्यालयों से संबद्ध हैं। पत्र में कहा गया है कि जून में ही निर्देश दिए गए थे कि किसी शिक्षक, शिक्षामित्र या अनुदेशक का संबद्धीकरण न किया जाए। इसके बाद भी 414 शिक्षकों एवं सैकड़ों अनुदेशकों का अन्य स्थानों पर संबद्ध होना चिंताजनक है। उन्होंने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि मूल विद्यालय से इतर संबद्ध सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों का संबद्धीकरण तत्काल समाप्त करें जिन संबद्ध शिक्षकों / अनुदेशकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
उनका विवरण निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं। निर्देश के बावजूद शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने का कारण भी स्पष्ट करने को कहा गया है। प्रारूप में शिक्षक का नाम एवं पदनाम, शिक्षक के मूल विद्यालय का नाम व विकासखंड, शिक्षक को जहां संबद्ध किया गया है उस विद्यालय या कार्यालय का नाम, संबंध करने का दिनांक, किस अधिकारी द्वारा संबंध किया गया का नाम, अद्यतन कार्यमुक्त ना किए जाने का कारण भी पूछा गया है। बताते चलें प्रत्येक वर्ष अटैचमेंट को लेकर आदेश जारी होते हैं लेकिन धरातल पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है जबकि अटैचमेंट से विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।