अध्यापकों का चयन वेतनमान समय से न लगाए जाने पर शिक्षकों में आक्रोश

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अभी हाल ही में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक ब्रिजेश यादव के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय को 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें अध्यापकों का चयन वेतनमान समय से ना लगाए जाने पर आक्रोश जताया गया था।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अभी हाल ही में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक ब्रिजेश यादव के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय को 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें अध्यापकों का चयन वेतनमान समय से ना लगाए जाने पर आक्रोश जताया गया था। जिला संयोजक का कहना है कि जिस महीने में अध्यापकों का चयन वेतनमान लगना है उसी माह में उनका चयन वेतनमान स्वीकृत कर वेतन के साथ दिलाया जाए। समय से चयन वेतनमान ना मिलने के कारण अध्यापकों का बहुत नुकसान हो रहा है। उन्हें बकाया एरियर भी नहीं मिल पा रहा है। प्रोन्नति वेतनमान कई बार से स्वीकृत नहीं किए गए हैं। अतः समिति बनाकर लंबित सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किए जाएं साथ ही अन्य सभी लंबित कार्य भी समय से निस्तारित किए जाएं।

बताते चलें जनपद के कई शिक्षकों के चयन वेतनमान अगस्त माह में ही स्वीकृत किए जाने थे खंड शिक्षा अधिकारियों के स्तर से सर्विस बुक एवं उससे संबंधित अन्य प्रत्यावेदन समय से बीएसए कार्यालय नहीं भेजे गए, इतना ही नहीं कई शिक्षकों की सर्विस बुक में आधी अधूरी एंट्री की गई जिसके चलते चयन वेतनमान स्वीकृत करने में देरी होती चली गई। चयन वेतनमान का कार्य देख रहे वरिष्ठ लिपिक अजय शर्मा ने शिक्षकों की चयन वेतनमान की फाइलों को जब चेक किया तो पाया कि कई शिक्षकों की सर्विस बुक में आधी अधूरी एंट्री है ऐसे शिक्षकों की फाइलों की उन्होंने छटनी करदी। आखिर सर्विस बुक में एंट्री करने का कार्य क्या शिक्षकों का है या फिर जानबूझकर सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है जिससे कि शिक्षकों का एरियर बने और एरियर के नाम पर शिक्षकों से धन उगाही की जा सके। फिलहाल बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग कर चयन वेतनमान से संबंधित सभी पत्रावलियों का समय से निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आधी अधूरी फाइलों को जल्द से जल्द कंप्लीट कर कार्यालय में रिसीव कराने की निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द चयन वेतनमान स्वीकृत किया जा सके। नाम न छापने की शर्त पर कुछ शिक्षकों ने बताया कि सुविधा शुल्क लेने की वजह से जानबूझकर देरी की जा रही है पहले बीआरसी स्तर पर इतनी देरी की गई और अब बीएसए कार्यालय स्तर पर जानबूझकर इतनी देरी की जा रही है जब शिक्षकों की पूरी डिटेल (सर्विस बुक) मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध है तो फिर इतनी देरी क्यों ? मुख्यमंत्री का भी स्पष्ट निर्देश है कि किसी की भी फाइल को एक पटल पर तीन दिवस से अधिक तक नहीं रोका जा सकता है लेकिन फिर भी अधिकारी उनके आदेश को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। चयन वेतनमान की फाइलें महीनों से कहीं बीआरसी तो कहीं बीएसए कार्यालय में पड़ी धूल फांक रही हैं। अब मामला बढ़ता देख बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए ताकि कार्यालय की छवि धूमिल न हो।

Author: aman yatra

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